गोपालगंज(GOPALGANJ):मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. हमलावरों ने बिहार के दो प्रवासी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी है. ये दोनों मजदूर गोपालगंज जिले के रहनेवाले हैं. मृतकों की पहचान जादोपुर थाना क्षेत्र के राजवाही बिन टोली निवासी बिरेंद्र मुखिया के 19 वर्षीय पुत्र सोनालाल मुखिया और मोहन सहनी के 20 वर्षीय पुत्र दशरथ कुमार के रूप में किया गया है.दोनों निर्माण श्रमिक थे और मैतेयी के प्रभुत्व वाले काकचिंग में किराये के मकान में रहते थे. वहीं, हत्या की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मचा है.
घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कमाने गये थे सभी युवक
आपको बताये कि मौत की खबर के बाद हाथ में बेटे की तस्वीर को दिखाकर माता पिता रो बिलख रहे है.मिली जानकारी के मुताबिक इस गांव के 10-12 लड़के मणिपुर में कमाने गये थे.उनका सपना था कि परिवार की माली हालत सुधार कर झोपड़ीनुमा घर से पक्का मकान बना सके, और लेकिन मणिपुर के अपराधियों ने इनके सपनों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया और बीच सड़क पर गोली मारकर सोनेलाल मुखिया की हत्या कर दी.हमले के दौरान सोने लाल के पिता बाकी साथियों के साथ पीछे से पैदल आ रहें थे, इसलिए उनकी जान बच गयी.सोने के पिता बिरेंद्र मुखिया ने जब परिजनों को फोन पर खबर सुनाई तो पूरा परिवार चीत्कार में डूब गया.अब प्रशासन और सरकार से स्थानीय लोग और परिवार मृतकों के शव को मंगाने के लिए गुहार लगा रहें हैं.
इंसाफ के लिए परिजन प्रशासन से लगा रहे है गुहार
अब मणिपुर में अपराधियों के हमले का शिकार हुए दशरथ सहनी का ये परिवार इंसाफ के लिए गुहार लगा रहा हैं. मृतक दशरथ सहनी की मां राधिका देवी ने बताया कि सोने लाल और दशरथ सहनी दोनों काम करके साइकिल से लौट रहें थे, जहां काकचिंग जिले में बीच सड़क पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी.मृतक श्रमिक दशरथ सहनी के पिता मोहन सहनी का कहना है कि उनके छह बेटे हैं, जिनमें दो बेटे मणिपुर में काम करने के लिए गये थे.तीसरे नंबर के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है,उन्होंने कहा कि 500 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी पर काम करने दोनों बेटे गये थे, यहां काम मिल जाता तो आज जिंदगी भर का दर्द नहीं मिलता.
10 से 12 की संख्या में गांव से कमाने गये थे युवक
बताया जाता है कि राजवाही बिन टोली से 10 से 12 की संख्या में मजदूर मणिपुर के काकचिंग जिले में राजमिस्त्री का काम करने दीपावली के एक दिन बाद गये थे. जहां बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्य में इन्हें काम मिला था. कल शनिवार की शाम करीब 5.20 बजे काकचिंग-वाबागई रोड पर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इधर, डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर मृतकों के आश्रितों को मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है. बताया जाता है कि गंडक नदी की त्रासदी से परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी थी. राजवाही बिन टोली से राज मिस्त्री और निर्माण श्रमिक के रूप में कई मजदूर काम करने के लिए मणिपुर गये थे. इन प्रवासी श्रमिकों को पता नहीं था कि जातीय हिंसा से झुलस रहे मणिपुर में उनके साथ अनहोनी हो सकती है. वहीं अब परिजन शव को बिहार लाने की गुहार प्रशासन से लगा रहे है.
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