औरंगाबाद(AURANGABAD): हर तरफ रक्षा बंधन की धूम थी. रक्षा बंधन के पर्व को लेकर भाई बहन झूम रहे थे. एक साथ पांच बच्चे सावन पूर्णिमा को लेकर नहाने के लिए गए थे. लेकिन उन बच्चों को मालूम नहीं होगा की वह अब कभी अपने घर नहीं लौटेंगे. बहन घर पर राखी और मिठाई लेकर इंतजार कर रही थी कि उसका भाई जब स्नान कर वापस आएगा तो उसके कलाई पर राखी बांधेगी. लेकिन जब पांचों बच्चों का शव घर पहुंचा तो सभी दहाड़ मार को रोने लगे. बहन अपने भाई को खोज रही थी माँ की चीत्कार सुन पूरा गांव में मातम मच गया. पूरा गांव गम में डूबा है. मृतकों में दो सगे भाई भी शामिल है.
औरंगाबाद जिले के सलैया थाना का मामला
मामला बिहार के औरंगाबाद के सलैया थाना अंतर्गत सोनारचक गांव से सामने आया है. पोखर में गांव के पाँच बच्चो की डूबने से मौत हो गई. सोनारचक गांव के अनुज यादव के 11 वर्षीय पुत्र शुभम उर्फ गोलू कुमार, उदय यादव के पुत्र 12 वर्ष की नीरज कुमार,10 वर्षीय धीरज कुमार, सुखेन्द्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार ,योगेंद्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र अमित कुमार की डूबने से मौत हो हुई है.
जेसीबी से छोड़ दिया गया था गड्ढा
ग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि गांव से 500 मीटर की दूरी पर पहाड़ के समीप एक पोखर है. जेसीबी मशीन से गड्ढा कर छोड़ दिया गया था. उस पोखरा की घेरा बंदी नहीं की गई थी यही कारण है कि बच्चे उसमें नहाने चले गए. जानवर को लेकर चरवाहा पोखरा के पास से क्रॉस कर रहे थे तभी उनकी नजर बच्चे का कपड़े पर पड़ी. देखा की बच्चों का कपड़ा बाहर पड़ा हुआ है लेकिन आवाज देने के बाद भी कोई गाथिविधि नहीं दिखी. चरवाहों ने मामले की जानकारी गांव के लोगों को दिया. घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण जुटे और सभी बच्चों को पोखरा से निकाल कर कासमा के एक निजी क्लीनिक ले गए. लेकिन डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया.
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