औरंगाबाद(AURANGABAD): धूम-धड़ाके और पानी की तरह रुपयें बहा कर होने वाली खर्चीली शादियों से सब लोग वाकिफ है. वही कुछ ऐसी भी शादियां होती है, जो न केवल समाज को अच्छा संदेश देती है बल्कि इतिहास भी बन जाती है. ऐसे ऐतिहासिक पलों के साक्षी बने लोग खुद को भी खुशनसीब मानते है. ऐसी शादी लाखों में एक तो होती ही है. शायद सदियों में भी एक एक होती है. ऐसी ही एक शादी सोमवार की रात भी हुई, जहां दो दिलों ने परिणय सूत्र में बंधने के पहले कुछ ऐसा किया कि दोनों ही समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन गए. उनके इस कार्य में बाराती और सराती दोनों पक्ष के लोगों ने दिल खोल कर साथ दिया और वह भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह और किरदार बन गए. किरदार बनकर उन्होने भी गर्व का अनुभव किया. दरअसल यह अनोखी-अनूठी और अपने आप में इतिहास रचने वाली शादी बिहार के औरंगाबाद के हसपुरा में संपन्न हुई है. यह शादी अनीश केशरी और सिमरन केशरी की है. इस शादी के सभी रस्म, रिवाज, परंपराएं सब कुछ आम ही है लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि यह शादी खास बन गई.
लड़का-लड़की सोशल एक्टिविस्ट, काम के दौरान ही दोनों में हुआ प्यार
दरअसल लड़का-लड़की दोनों ही सोशल एक्टिविस्ट है. सोशल वर्क के दौरान ही दोनों एक-दूसरे के करीब आए. दोनो में प्यार हुआ. दोनों की जति एक ही थी. लिहाजा दोनों के परिवार वालों ने उनके रिश्ते को सहर्ष ही स्वीकार कर लिया. लव मैरिज अरेंज मैरिज में तब्दील हो गई. शादी के कार्ड में ही था संदेश पर लोग समझ न पाए-दोनों की शादी के कार्ड के कवर पर ही जीवन बचाने की मुहिम का संदेश था. शादी के कार्ड को तो सबने पढ़ा. सबकी उस मैसेज पर नजर भी गई पर लोगों को यह सपने में भी उम्मीद नहीं रही होगी कि शादी के दिन जो होगा, वह न केवल आश्चर्यजनक होगा बल्कि इतिहास भी रच देगा.
शादी के दिन पता चला आमंत्रण कार्ड के कवर पर लिखे संदेश की हकीकत
दरअसल शादी के कार्ड के कवर पर 'गिव ब्लड सेव लाइफ' के स्लोगन का लोगो छपा था, जिस पर लोगों की नजर तो जरूर गई लेकिन इसके पीछे वर-वधू के रहस्यमय भाव को लोग ताड़ नहीं पाए और जब ताड़े तो खेल शुरू हो चुका था. फिर तो कमाल ही हो गया. इस कमाल की सबने तारीफ की और कमाल होने का हिस्सा भी बने.
दहेज में मांगा ब्लड डोनेशन कैंप का उपहार
चूंकि मामला लव मैरिज से अरेंज मैरिज का था. लिहाजा यह शादी तो आदर्श विवाह ही ठहरी पर जो अनमोल चीज उपहार में मांगी गई वह दहेज से भी अधिक बढ़कर कीमती या कहे बेशकीमती है. शादी के पहले ही लड़के ने लड़की वालों से यह कह डाला था कि मैं तो लव मैरिज ही कर लेता लेकिन हमारे प्यार को आपने स्वीकार किया. लिहाजा लव के अरेंज मैरिज होने से मुझे कोई परेशानी नही है लेकिन इसके लिए दहेज नहीं उपहार चाहिए. उपहार में मुझे रुपये-पैसे और धन-दौलत नही बल्कि वह चाहिए जो किसी के जीवन को बचाने में काम आती हैं. वह भी जोर जबरदस्ती नही स्वैच्छिक रूप से. जिनकी इच्छा हो देंगे, न होगी तो नही देंगे लेकिन जो लोग देंगे, उन्हे मैं यह मानूंगा कि वें मुझे अति प्रिय मानते है, तभी तो वें मुझे इतनी बेशकीमती चीज दे रहे है. लड़की पक्ष के ही नही वर पक्ष के भी लोग उपहार में मुझे वह अनमोल चीज दे सकते है. वर पक्ष के देने वालों को भी यह मानेंगे कि वें भी मुझे अपना अति प्रिय मानते है. दरअसल लड़के ने लड़की वालों को कहा था कि शादी के वक्त रक्तदान शिविर लगेगा और वर-वधू दोनों ही पक्ष के लोगों में जिनकी इच्छा होगी, वे स्वैच्छिक रक्तदान करेंगे. शादी के दिन लड़का-लड़की ने रक्तदान कर की शिविर की शुरूआत-आजकल की शादियों में यह ट्रेंड सा चल पड़ा है कि वर पक्ष के लोग अपनी सुविधा के लिहाज से वधू पक्ष को अपने गांव, शहर या आसपास में बुला लेते है. यही वजह रही कि वर पक्ष के बुलावें पर वधू पक्ष के लोग आरा के शिवगंज शीतल टोला से कन्या के साथ हसपुरा चले आए, दुल्हा-दूल्हन की शादी के पहले बाजाप्ता रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. शिविर की शुरुआत वर-वधू ने रक्तदान कर की. इसके बाद दोनों पक्ष के सगे संबंधियों सहित शादी में शामिल होने आए लोगों ने रक्तदान किया.
रक्तवीर और रक्तवीरांगना के रूप में अनीश और सिमरन की हुई पहचान
दूल्हा अनीश केशरी हसपुरा के ईंटवां रोड का निवासी है. ईलाके में अनीश की पहचान रक्तवीर के रूप में है. वही दूल्हन सिमरन उर्फ पिंकी केशरी भोजपुर के आरा की है. वह भी रक्तवीरांगना है. दोनों के ही समानधर्मी रक्तवीर होने से रक्त से संबंधित राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में जान पहचान हुई. मेलजोल बढ़ा. प्यार हुआ और बात लव मैरिज से होते अरेंज मैरिज पर पहुंची. मैरिज के अरेंज होने के दौरान ही जब अनीश ने शादी को यादगार बनाने के लिए इस मौके पर रक्तदान शिविर के आयोजन की शर्त रखी तो सिमरन उर्फ पिंकी ने भी इसमें सहमति जताई. दोनों की सहमति से बात इतनी आगे तक पहुंची. दोनों ने तय किया था कि वे अपनी शादी के माध्यम से रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे. साथ ही शादी में शामिल होने वाले लोगों से शगुन के रूप में रक्तदान करने के लिए कहेंगे।अपनी शादी के कार्ड पर भी उन्होंने रक्तदान का संदेश छपवाया था. अनीश और सिमरन की इस नेक पहल से दर्जनों लोग रक्तदान के लिए आगे आए और शगुन के रूप में रक्तदान किया।हालांकि आमतौर पर शादियों में देने के लिए उपहार लेकर जाते है. वहीं इस शादी में वें उपहार के रूप में रक्तदान कर किसी की जिंदगी बचाने का खूबसूरत एहसास लेकर गए. इस तरह अपनी ही शादी के मौके पर अनीश ने 14वीं बार और सिमरन ने 9वीं बार रक्तदान किया.
दुल्हन की भाभी से लेकर दूल्हे के जीजा तक ने किया रक्तदान
अनीश-सिमरन की शादी के अवसर पर लगे रक्तदान शिविर में दुल्हन के भाई हिमेश केशरी, बहन सुनीता केशरी, भाभी रेखा केशरी और भईया अभिषेक केशरी ने रक्तदान किया. इन सबने कहा कि जितनी खुशी मुझे आज हो रही है, उतनी कभी नहीं हुई।शादी में रक्तदान करने का एहसास हम कभी नही भूलेंगे. वही सिमरन की भाभी रेखा ने कहा कि मैं साधारण गृहणी हूं. जीवन मे पहली बार रक्तदान कर रहीं हूं. अपनी ननद के शादी में इससे बड़ा गिफ्ट मैं क्या नहीं दे सकती थी. यह एहसास मुझे बार-बार गुदगुदा रहा है कि मेरा खून दूसरो की रगों में मेरे बाद भी जीवित रहेगा. इस मौके पर वर पक्ष से वर पक्ष से विजेता पटेल, शाहबाज मिन्हाज, शिक्षक दीपक कुमार, राजू भारती, पत्रकार अभय कुमार, पत्रकार निशांत कुमार, बबलू खान, राजकुमार, गोलू सत्या, मिथिलेश शर्मा एवं अन्य लोगों ने भी रक्तदान किया।
शादी समारोह के बीच सम्पन्न हुआ रक्तदान
रक्तदान शिविर को संचालित करने आए निरामया ब्लड बैंक, पटना के डायरेक्टर डॉ. राकेश रंजन ने कहा कि मैंने अबतक सैकडों ब्लड डोनेशन कैम्प आयोजित कराए है. शादी के अवसर पर पहली बार रक्तदान देख रहा हूं. मेरी जानकारी में बिहार ही नहीं भारत में यह पहला ऐसा ब्लड डोनेशन कैम्प है जो शादी समारोह के बीच संपन्न हुआ. इस कैम्प में बिहार में रक्तदान के क्षेत्र में काम करने वालें रक्तवीर सुबोध कुमार यादव, प्रिंस सिंह, राजेश गुप्ता, विवेक मिश्रा व उनकी पत्नी कविता मिश्रा भी इस अनोखे शादी का गवाह बनने आये थें. ब्लड बैंक के गणेश कुमार भगत और उनकी टीम ने बताया कि शिविर में 70 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया है.
रक्तदान के बाद कन्यादान व पूरी हुई अन्य रस्में
रक्तदान संपन्न होने के बाद ही वरमाला की रस्म पूरी हुई. वर-वधू ने एक-दूसरे के गले में माला पहनाई. इसके पहले दरवाजा भी लगा. बारातियों का स्वागत हुआ. बरनेत भी चढ़ा. वधू के पिता श्याम बाबू केशरी ने पुत्री का कन्यादान किया. फिर सात फेरे हुए और दूल्हे अनीश ने दुल्हन सिमरन की मांग भरी. इस तरह यह अनोखी शादी संपन्न हुई.
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