धनबाद(DHANBAD):अगर किसी के पास से 14 लाख रुपए कैश, 18 लाख का सोना, 70 मोबाइल फोन, 109 एटीएम कार्ड, 86 पासबुक, आधा दर्जन आधार कार्ड, चार पैन कार्ड, एक डेस्कटॉप कंप्यूटर, दो लैपटॉप, एक स्मार्ट टीवी और नोट गिनने की मशीन बरामद हो तो कोई भी आश्चर्य में पड़ सकता है. यह सब बरामद हुआ है बिहार की राजधानी पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित दो फ्लैटों से .यहां घर भाड़े पर लेकर साइबर अपराधी अपना गिरोह चला रहे थे. आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल में बुधवार को साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़
गिरफ्तार पांचों बिहार के ही विभिन्न जिलों के रहने वाले बताए गए हैं. लेकिन उनका सीधा संबंध झारखंड के जामताड़ा और देवघर से है. आर्थिक अपराध इकाई को एग्जीबिशन रोड में साइबर अपराधियों के होने की सूचना मिली थी. सूचना पर आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी ने दो डीएसपी के नेतृत्व में साइबर सेल के अन्य पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की टीम गठित कर छापेमारी के आदेश दिए. इसके बाद यह गिरोह पकड़ में आया.
5 साइबर अपराधियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
इस गिरोह का कार्य कार्य क्षेत्र बिहार और झारखंड था. यह साइबर अपराधी झारखंड के जामताड़ा और देवघर के साइबर ठगों के साथ मिलकर ठगी का काम लंबे अरसे से कर रहे थे. मतलब इनका कनेक्शन झारखंड से बना हुआ था. लगातार ठगी का काम कर रहे थे. इनके पास से नोट गिनने वाली मशीन बरामद होना सबको चौंकाया है. मतलब कितने की ठगी कर रहे थे कि हिस्सेदारी के लिए रुपए जब हाथ से नहीं गिन पा रहे थे तो मशीन रखकर नोटों की गिनती कर रहे थे.
झारखंड के इस जिले में साइबर अपराधियों का गैंग संचालित नहीं होता
वैसे तो साइबर अपराधी पूरे देश के लिए समस्या बने हुए हैं. झारखंड का तो कोई ऐसा जिला नहीं है, जहां साइबर अपराधियों का गैंग संचालित नहीं होता. पुलिस एक तरीका पर रोक लगाती है तो दूसरे ढंग से सामने आ जाते हैं. झारखंड का जामताड़ा साइबर ठगी की जन्म स्थली ही है .साइबर अपराधियों का मनोबल इतनी अधिक बढ़ गया है कि अब आम लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के नाम पर भी फर्जीवाड़ा शुरू कर दिए हैं.
सरकारी अधिकारियों के नाम और फोटो से बनाते है फर्जी प्रोफाइल
सरकारी अधिकारियों के नाम पर तथा उनका फोटो लगाकर फर्जी प्रोफाइल बना लेते हैं. उसके बाद उस फर्जी अकाउंट से लोगों को व्हाट्सएप मैसेज और कॉल किए जाते हैं .फिर राशि ठगी जाती है. इस तरह की घटनाएं झारखंड में भी हो चुकी है. धनबाद के अधिकारियों के नाम पर भी फर्जी अकाउंट बनाए जाने का खुलासा हो चुका है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
4+