रांची(RANCHI): - विधायक सरयू राय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सीएम हेमंत सोरेन से सावधान रहने की अपील करते हुए लिखा है कि सोनू अग्रवाल को वर्ष 2017-18 में भी तात्कालीन रघुवर दास की सरकार के द्वारा सुरक्षा प्रदान किया गया था, तब चार-चार जिलों की पुलिस के द्वारा उसे अंगरक्षक उपलब्ध करवाये गये थें.
हेमंत सरकार में भी प्रभावशाली पदों पर उसके शुभचिंतक
सरयू राय का दावा है कि रघुवर सरकार में सोनू अग्रवाल के शुभचिंतक इस सरकार में और भी प्रभावशाली हो चुके हैं. सीएम हेमंत को ऐसे तत्वों से बचकर रहने की जरुरत है, क्योंकि तब की सरकार हो या आज की सरकार, बगैर सत्ता के सहयोग से ऐसे तत्वों को सुरक्षा प्रदान किये जाने का निर्णय नहीं लिया जा सकता.
व्यवसायी रश्मि जैन का दावा
यहां बता दें कि कोलकत्ता का एक व्यवसायी रश्मि जैन के द्वारा यह दावा किया गया है कि तात्कालीन रघुवर सरकार के समय सोनू अग्रवाल के द्वारा झारखंड के विभिन्न जिलों में अलग-अलग नामों से अपने लिए अंगरक्षक की मांग की गयी थी और बड़ी बात यह रही कि इन जिलों की पुलिस के द्वारा इसे अंगरक्षक उपलब्ध भी करवा दिया गया.
शिकायत के बावजूद नहीं हुई कोई कार्रवाई
रश्मि जैन का दावा है कि उनकी शिकायत के बाद इस मामले की जांच भी हुई थी, लेकिन बावजूद इसके तात्कालीन सरकार में सत्ता के शीर्ष पर बैठे उसके शुभचिंतकों के दवाब के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब रश्मि जैन के द्वारा गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल को पत्र लिखकर सभी संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गयी है. दावा किया गया है कि सोनू अग्रवाल को तात्कालीन सरकार के द्वारा रांची, धनबाद और हजारीबाग जिला से एक साथ अंगरक्षक उपलब्ध करवाया गया था. अब रश्मि जैन के इस दावे के बाद विधायक सरयू राय ने भी मोर्चा खोलते हुए सोनू अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
भ्रामक सूचना के आधार पर अंगरक्षक लेने का आरोप
रश्मि जैन के अपने आवेदन के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय का पत्र, झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश, राज्य मानवाधिकार आयोग का आदेश और राज्य सूचना आयोग के आदेश की एक-एक प्रति भी लगायी है. रश्मि जैन का दावा है कि सोनू अग्रवाल के द्वारा भ्रामक सूचना के आधार पर अंगरक्षक लिया गया और झारखंड पुलिस के सशस्त्र जवानों को अपने साथ लेकर वह वगैर अनुमति के दूसरे राज्यों का दौरा भी करते रहें.
टेरर फंडिंग का आरोपी है सोनू अग्रवाल
यहां बता दें कि सोनू अग्रवाल टेरर फंडिंग का आरोपी भी है, उस पर तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों को फंडिंग करने का आरोप है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने भी सोनू उग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी, हालांकि अभी उस मामले में अनुसंधान जारी है.
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