TNP DESK: झारखंड के संथाल परगना में आज चुनाव प्रचार थम जाएगा. प्रचार को लेकर रेस लगी हुई है. कौन कितना वोटरों को अपने पक्ष में कर पता है, इसको लेकर ताबड़तोड़ सभाएं हुई और आज 5 बजे शाम तक होगी. लेकिन 2024 के चुनाव में कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं होने के कारण स्थानीय मुद्दों , स्थानीय समस्याओं पर, जनप्रतिनिधियों की सफलता अथवा अ सफलता पर चुनाव लड़े जा रहे है. संथाल में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की भी हर सभा में प्रत्यक्ष अथवा अ प्रत्यक्ष रूप से चर्चा हो रही है. इस बार संथाल का चुनाव कुछ अलग ढंग का है. शिबू सोरेन की बड़ी बहू पार्टी और परिवार से बगावत कर झामुमो को छोड़ दुमका से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही है. तो राजमहल लोकसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम चुनाव मैदान में मजबूती के साथ खड़े है. गोड्डा से झारखंड के चर्चित सांसद निशिकांत दुबे भाजपा से और कांग्रेस की टिकट पर प्रदीप यादव चुनाव मैदान में है. तो इस बार निशिकांत दुबे को भी मिहनत करनी पड़ रही है. उम्मीदवारों की घोषणा के पहले उन्होंने कई बातें कही थी. कहा था कि अगर प्रदीप यादव को टिकट मिला तो वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगे ,लेकिन परिस्थितिया ऐसी है नहीं. अभिषेक झा गोड्डा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और उनके समर्थन में पंडा समाज भी कही -कही दिखा है. नतीजा है कि निशिकांत दुबे को पूरी मिहनत से चुनाव प्रचार में उतरना पड़ा है. दुमका ,गोड्डा और राजमहल में कोई बड़ा मुद्दा सामने दिख नहीं रहा है.
चुनाव में लोकल मुद्दे ही दिख रहे हावी
स्थानीय मुद्दों पर प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे है. एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहा है तो इंडिया ब्लॉक कह रहा है कि संथाल की जनता के हाथ में ही हेमंत सोरेन को जेल से निकालने की चाबी है. दुमका लोकसभा सीट में छह विधानसभा है. जिनमें शिकारी पड़ा, नाला, जामा , दुमका में झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है तो जामताड़ा में कांग्रेस और सारठ में भाजपा काबिज है. गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में भी छह विधानसभा सीट है. जरमुंडी, पोड़ैयाहाट और महागामा में कांग्रेस की जीत हुई है तो देवघर और गोड्डा में भाजपा का कब्जा है. मधुपुर में झामुमो सीट जीती थी. इसी प्रकार राजमहल में भी छह विधानसभा सीट है. बोरियो ,बरहेट, महेशपुर और लिट्टीपाड़ा में झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है तो पाकुड़ में कांग्रेस और राजमहल में भाजपा का कब्ज़ा है. बरहेट विधानसभा से ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं तो बोरियों विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में डटे हुए है. पाकुड़ से कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम टेंडर घोटाले में गिरफ्तार है. झारखंड का संथाल परगना की गिनती अभी भी पिछड़े इलाके में ही होती है. दुमका झारखंड की उप राजधानी जरूर है, यहां सुविधाएं अपेक्षाकृत अधिक जरूर हैं, फिर भी दुमका को जो मिलना चाहिए था, नहीं मिला.
दुमका से शिबू सोरेन और बाबूलाल मरांडी रह चुके है सांसद
यह अलग बात है कि शिबू सोरेन भी यहां से सांसद रह चुके हैं तो बाबूलाल मरांडी भी यहां से सांसद बन चुके है. यह बात भी सही है कि निशिकांत दुबे के प्रयास से देवघर में एयरपोर्ट और एम्स आ गया है. इसका श्रेय लेने से बीजेपी पीछे नहीं रहती. राजमहल लोकसभा सीट से विजय हांसदा तीसरी बार चुनाव लड़ रहे है. 2014 और 2019 में उन्हें जीत मिली थी. 2019 में राजमहल लोकसभा सीट से विजय हांसदा को 5,0 7,830 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी उस समय भाजपा के उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को 4,0 8,635 वोट प्राप्त हुए थे. हेमलाल मुर्मू फिलहाल झामुमो में है. दुमका से 2019 में भाजपा के सुनील सोरेन को 4,84,923 वोट प्राप्त हुए थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी शिबू सोरेन को 4 ,37,333 वोट प्राप्त हुए थे. ऐसी प्रकार 2019 में गोड्डा लोकसभा सीट पर भाजपा के निशिकांत दुबे को 6,37,610 वोट प्राप्त हुए थे जबकि कांग्रेस के प्रदीप यादव को 4,53,383 वोट प्राप्त हुए थे. एक बार फिर दोनों आमने -सामने है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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