रांची(Ranchi) जल, जंगल, जमीन ले लेकर आदिवासी मूलवासियों से जुड़े ज्वलंत मुददों पर हमेशा से तल्ख भाषा का इस्तेमाल करने वाले झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने एक बार फिर से सीएम हेमंत को निशाने पर लिया है. आज उनके द्वारा राजधानी रांची स्थित पुरानी विधानसभा परिसर के सामने खतियान बचाओ महाजुटान का आयोजन किये जाने की घोषणा की गयी है, बतलाया जा रहा है कि खतियान बचाओ महाजुटान में राज्य भर से उनके समर्थकों की भीड़ जुटेगी, और इसी खतियान महाजुटान से राज्य सरकार को यह मैसेज देने की कोशिश की जायेगी कि राजनीतिक हालात और बदलते वक्त के बीच हेमंत सरकार की नीतियों में चाहे जो भी बदलाव आये, सरकार को भले ही इस मामले में कानूनी-संवैधानिक पेचीदगियों का सामना करना पड़े, राजनीतिक मुश्किलों को झेलना पड़े, लेकिन लोबिन की राह हेमंत सरकार की नीतियों की मुंहताज नहीं रहेगी.
भाजपा ज्वाइन करने की खबरों को बताया भ्रामक
हमेशा की तरह इस मुद्दे पर भी लोबिन झुकने को तैयार नहीं है, यही कारण है कि खतियान महाजुटान से पहले ही लोबिन ने गर्जना करते हुए कहा है कि ‘सच कहना यदि बगावत है तो समझो हम भी बागी है” हालांकि इसके साथ ही लोबिन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनका झामुमो छोड़ने और भाजपा ज्वाइन करने की सारी खबरें भ्रामक है, और इस तरह की खबरें चलाने वाले लोग बेईमान है.
1932 के खतियान को आदिवासी मूलवासियों के वजूद से जोड़कर देखने की कोशिश
सनद रहे कि 1932 के सवाल पर लोबिन शुरु से ही बेहद आक्रमक रहे हैं, 1932 के खतियान को उनके द्वारा आदिवासी मूलवासियों के वजूद से जोड़ कर देखा जा रहा है. उनका मानना है कि बगैर 1932 के खतियान को आधार बनाये आदिवासी मूलवासियों के हक हकूक और राजनीतिक सामाजिक भागीदारी की सुरक्षा नहीं की जा सकती. हालांकि इसके साथ ही लोबिन ने के द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि 1932 का खतियान एक प्रतीक है, उनका आशय खतियानी पहचान से जुड़ा है, अर्थात खतियान 1932 का हो या 42 का विवाद यह नहीं है, लेकिन हर झारखंडी की पहचान उसके खतियान से हो.
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