रांची- बरियातू स्थित जिस सेना की जमीन को लेकर ईडी इन दिनों छापेमारी कर रही है, उस जमीन का होल्डिंग संख्या लेने के लिए भी प्रदीप बागची के द्वारा फर्जीबाड़ा का सहारा लिया गया था.
टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने दर्ज करवायी थी प्राथमिकी
प्रदीप बागची के द्वारा जो दस्तावेज सौंपे गये थें, जब निगम टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा के द्वारा उसकी जांच की गयी तो सारे दस्तावेज पहली ही नजर में फर्जी निकले, टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा बताते हैं कि होल्डिंग संख्या लेने के लिए जमा किया गया आधार कार्ड और बिजली बिल दोनों ही नकली था. जब इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी गयी, तो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद चार जून 2022 को बरियातू थाना में कांड संख्या 141/2022 दर्ज करवाया गया, इसके बाद आठ सितंबर 2022 को इसी मामले में सदर थाना में कांड संख्या 399/2022 दर्ज करवाया गया. लेकिन पुलिस इसे मात्र जमीन का विवाद मानकर टालती रही, जबकि यहां मूल सवाल फर्जी दस्तावेज का था, जिसकी जांच ही नहीं की गई.
पुनीत भार्गव व विष्णु अग्रवाल को भी बनाया गया था आरोपी
जबकि इस मामले में इसमे राजेश राय, इम्तियाज अहमद, भरत प्रसाद, लखन सिंह, पुनीत भार्गव व विष्णु अग्रवाल को आरोपी बनाया गया था. लेकिन अब उसी मामले में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर बड़ा खुलासा कर दिया.
ध्यान रहे कि अब तक की जांच में ईडी ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है, यह पूरा मामला ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना की जमीन को हड़पने का है, प्रदीप बागची के द्वारा जिस दस्तावेजों के आधार पर जमीन पर दावा किया गया था, वह सारे के सारे फर्जी थें, साथ ही अब इस मामले में रिम्स में कार्यरत एक अफसर अली का नाम भी सामने आया है, दावा किया जाता है कि सारे फर्जी दस्तावेज उसे से द्वारा बनाये गये थे, सूत्रों की माने को अफसर अली को फर्जी दस्तावेज का मास्टर माइंड माना जाता है.
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