पटना(PATNA)- 15 अप्रैल से जातीय जनगणना की दूसरे फेज की शुरुआत होने जा रही है. 17 कॉलम और 215 जातियों के कोड से सहारे बिहार के हर शख्स की जाति की पहचान की जायेगी. इसके साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ी जाति, पिछड़ी जाति और सामान्य वर्ग के लिए भी अलग-अलग कोड जारी किया गया है. जिसके सहारे समाज के विभिन्न जातियों समूहों की जनसंख्या का निर्धारण किया जायेगा. इस आंकड़ों का उपयोग सरकार विभिन्न योजनाओं के निर्माण और शासन की नीतियां बनाने के दौरान करेगी, ताकि शासन प्रशासन में हर सामाजिक समूह की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके और विकास की योजनाओं उस सामाजिक समूह की जरुरतों के अनुरुप उन तक पहुंचायी जा सके, कोई भी सामाजिक समूह विकास की धारा में पीछे नहीं छुट्टे.
सर्वेक्षण के दौरान आपसे पूछे जायेंगे आपकी जाति का कोड
साफ है कि जब सर्वेक्षण के दौरान आपके दरवाजे को खटखटाया जायेगा तब आपसे आपकी जाति का कोड पूछा जायेगा, प्राप्त जानकारी के अनुसार बनिया जाति का कोड-124 होगा, इसके अंतर्गत सूढ़ी, गोदक, मायरा, रोनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, बर्णवाल, अग्रहरी वैश्य, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार आदि शामिल होगें, जबकि कायस्थ -22 ,ब्राह्मणों -128, भूमिहारों -144 कोड राजपूत-171, कुशवाहा कोयरी -27, यादव-167 कोड होगा, यादव जाति का कोड संख्या 167 के तहत ग्वाला, गोरा, घासी मेहर, अहीर सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला भी शामिल होगा. धोबी-97, दर्जी हिन्दू-206, खत्री-207,मेहतर भंगी-200 का कोड होगा.
मुस्लिम समाज की जातियों के लिए भी जारी किया अलग-अलग कोड
यही नहीं मुस्लिम समाज की विभिन्न जातियों के लिए भी अलग अलग कोड जारी किया गया है, वैसी सभी जातियां जिनके लिए कोड जारी नहीं किया गया है, वह अपना कोड 216 बता सकेंगे.
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