रांची(RANCHI): सीएम हेमंत और ईडी के बीच की रस्साकशी अब रोचक मोड़ लेते नजर आने लगा है, कथित जमीन घोटाले में ईडी के समन के जवाब में सीएम हेमंत ने ईडी को सख्त लहजे में अपना समन वापस लेने को कहा था, साथ ही इस बात का दावा भी किया था कि यदि ईडी अपना समन वापस नहीं लेती है तो वह कानून का दरवाजा खटखटा सकते हैं, सीएम हेमंत ने साफ शब्दों में कहा था कि चूंकि वह उनके पॉलिटिकल मास्टर के सामने झूकने को तैयार नहीं है, इसलिए ईडी और दूसरी एजेंसियों को सामने कर परेशान करने की कोशिश की जा रही है, आपका समन के पीछे कोई तथ्य नहीं, महज राजनीतिक बदले की कार्रवाई है, पॉलिटिकल मास्टर के इशारे पर रचा गया साजिश है और यदि ऐसा नहीं होता, तो किसी सीएम को 14 अगस्त को नहीं बुलाया जाता. हर किसी को पता है कि 15 अगस्त के पहले किसी सीएम की कितनी व्यस्तता होती है, बावजूद इसके ईडी ने जानबूझ कर 14 अगस्त को चुना, ताकि किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ एक माहौल कायम किया जा सके. इसी के साथ ही सीएम ने ईडी को तत्त्काल अपना समन वापस लेने अन्थया कानून कार्रवाई को तैयार रहने को कहा था.
पॉलिटिकल मास्टर के दवाब में समन दर समन भेज रहा
बावजूद इसके ईडी के द्वारा दूसरा समन भेज कर 24 अगस्त को एक बार फिर से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया. जिसके बाद पूर्व चेतावनी के अनुरुप ही सीएम हेमंत सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये और ईडी के साथ ही न्याय एवं कानून मंत्रालय को भी प्रतिवादी बना दिया. और इसकी सूचना ईडी को भेजवा दी कि अब जो कुछ भी होगा वह कोर्ट में होगा. वहीं से तय होगा कि न्याय किसके साथ खड़ा है, और कौन अपने पॉलिटिकल मास्टर के दवाब में समन दर समन भेज रहा है.
अब उस मामले में ईडी ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, हालांकि ईडी के द्वारा फाइल किये गये कैवियट पर अभी सुनवाई की तिथि निर्धारित नहीं हुई है. देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कब सुनवाई की तिथि निर्धारित करती है, लेकिन इतना जरुर है कि ईडी के इतिहास में पहली बार किसी सीएम ने ईडी को चुनौती दी है, इसके पहले सीएम भूपेश बघेल ने भी ईडी के समन के बाद कोर्ट का रुख किया था. अब सीएम हेमंत भी उसी राह पर चलते नजर आ रहे हैं.
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