TNPDESK- विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया की ओर से हिंसा पीड़ित मणिपुर गये 21 सांसदों ने राजपाल अनुसुइया उइके से मिलकर तत्काल जरुरी कदम उठाने का अनुरोध किया है. टीम ने कहा है कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी विस्मयकारी है. यह पहली बार हो रहा है कि तीन महीनों से किसी राज्य में नस्लीय हिंसा हो रही हो, सैंकड़ों लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी हो, हजारों लोगों को धर-द्वार छोड़ राहत कैंपों में शरण लेना पड़ा हो, दर्जनों महिलाओं के साथ बलात्कार और सार्वजनिक बलात्कार की वारदात हुई हो, और देश का प्रधानमंत्री इस पर चुप्पी साधे बैठा रहे. इसके पहले टीम इंडिया की ओर से मणिपुर के सभी पक्षों और सामाजिक समूहों से बात की गयी, राहत कैंपों का दौरा कर उनके हालत और दुख दर्द को समझने की कोशिश की गई.
राज्यपाल के नाम पत्र में क्या है
राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में टीम इंडिया ने लिखा है कि हमने चुराचांदपुर, मोइरांग और इंफाल के रिलीफ कैंपों का दौरा किया. उनकी आपबीती सुनी, यह सब कुछ हैरान करने वाला है, राज्य और केन्द्र की सरकार पीड़ित परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह असफल रही है,रिलीफ कैंपों की हालत बद से बदतर है, इंटरनेट पर पाबंदी लगातर निराधार अफवाहों को बढ़ावा दिया जा रहा है. जबकि जरुरत लोगों तक सही सूचना पहुंचाने की है, ताकि अफवाहों को बल नहीं मिले.
उस लड़की की मां से मुलाकात, जिसे किया गया था निर्वस्त्र
टीम इंडिया के सांसदों उस लड़की की मां से भी मुलाकात किया, जिसे निर्वस्त्र कर घुमाया गया था. इस मुलाकात के दौरान पीड़िता की मां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और अपने पति और बेटे के शव को देखने की गुहार लगाती रही. इस बीच कुकी नेता और भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने टीम इंडिया से मिलकर मणिपुर को तीन अलग-अलग केन्द्र शासित राज्यों में बांटने का सुझाव दिया. हालांकि मणिपुर सरकार इस प्रस्ताव को मानने को तैयार नहीं है.
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