रांची(RANCHI)- सीएम आवास पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया घटक दलों की बैठक चल रही है, माना जाता है कि इस बैठक में डुमरी उपचुनाव और सीएम हेमंत के नाम ईडी के द्वारा भेजे गये समन पर रणनीतियों का निर्माण किया जा सकता है.
यहां बता दें कि इंडिया की ओर से डुमरी उपचुनाव में पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी का उतरना तय माना जा रहा है. लेकिन एनडीए की ओर से प्रत्याशी कौन होगा? अभी इस पर संशय बरकरार है, हालांकि चर्चा है कि डुमरी उपचुनाव में भाजपा आजसू प्रत्याशी को अपने समर्थन का एलान कर सकती है, क्योंकि 2019 के विधान सभा चुनाव में इस सीट से आजसू की उम्मीवार यशोदा देवी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था, जबकि भाजपा को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था, माना जा रहा है कि आजसू की ओर से एक बार फिर से यशोदा देवी को उम्मीवार बनाया जा सकता है.
रामगढ़ उपचुनाव के नतीजों से काफी उत्साहित है भाजपा
भाजपा रामगढ़ उपचुनाव के नतीजों से भी काफी उत्साहित है, पिछले चार उपचुनावों में लगातार हार का सामना कर रही भाजपा ने रामगढ़ में आजसू को समर्थन करने का एलान किया था, जिसके बाद उसके हाथ सफलता हाथ लगी थी.
दरअसल भाजपा को आजसू के जमीनी पकड़ का अंदाज हो चुका है, और वह रघुवर दास की रणनीति से तौबा कर आजसू को साथ लेकर चलना चाहती है. यहां बता दें कि पूर्व सीएम रघुवर दास ने ही आजसू को किनारा कर खुद अपने बुते चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था, जिसके बाद उसे 2019 के विधान सभा चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा था, यहां तक की इस रणनीति के निर्माता रघुवर दास अपनी सीट भी नहीं बचा सके थें और मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हे अपनी सीट से भारी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाबूलाल की भाजपा में वापसी के बाद भाजपा आजसू के साथ अपने रिश्तों को सुधारने की कोशिश में है. इसी आधार पर माना जा रहा है कि डुमरी उपचुनाव में भाजपा आजसू को अपना समर्थन देकर झामुमो की मुश्किलों को बढ़ा सकती है.
सीएम हेमंत के नाम ईडी की नोटिस पर मंथन
खबर यह भी है कि इंडिया की आज की बैठक में सीएम हेमंत के नाम ईडी की नोटिस पर मंथन किया जायेगा और उसका मुकाबला करने के लिए रणनीतियों को तैयार किया जायेगा. हालांकि अभी तक इस बात की पक्की सूचना नहीं है कि 14 अगस्त को सीएम हेमंत ईडी दफ्तर जा रहे हैं, क्योंकि पिछले बार जब उन्हे संताल अवैध खनन मामले में समन भेजा गया था, तब कई समन के बाद आखिरकार वह ईडी दफ्तर पहुंचे थें, और लम्बी पूछताछ के बावजूद ईडी को कोई मजबूत साक्ष्य हाथ नहीं लगा था.
हालांकि इस बार सीएम हेमंत को समन भेजे जाने पर झामुमो की प्रतिक्रिया से इंडिया घटक दलों के रुख का अंदाजा लगाया जा सकता है, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते साफ कर दिया है कि वह इसे आदिवासी सम्मान और स्वाभिमान का मुद्दा बनाने की तैयारी में है. सीएम हेमंत को नोटिस को इंडिया घटल दलों के द्वारा एक आदिवासी सीएम को परेशान करने हथकंडा बताया जा सकता है, उसकी रणनीति इस को प्रचारित प्रसारित करने की हो सकती है कि भाजपा एक आदिवासी चेहरे को सीएम के रुप में देखना पसंद नहीं करती. साफ है कि इंडिया की कोशिश भाजपा को आदिवासी विरोधी साबित करने की होगी, मणिपुर में पिछले तीन महीनों से जारी हिंसा को भी इससे जोड़ कर देखा जा सकता है, और यह बताने की कोशिश की जा सकती है कि भाजपा किसी भी कीमत पर आदिवासी भाषा, संस्कृति और उसकी लोक परंपरा को समाप्त करना चाहती है. सीएम हेमंत तो बहाना है, असली रणनीति आदिवासियों को सलटाना है
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