टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- निचली अदालत के फैसले के बाद बेहद जल्दबाजी में राहुल गांधी का बंगला खाली करवाने वाली भाजपा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से ना सिर्फ राहुल गांधी की सदस्यता को बहाल कर दिया है, बल्कि निचली अदालत के फैसले पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है. कोर्ट ने साफ किया कि ट्रायल कोर्ट को अपने फैसले में अधिकतम सजा देने का कारण भी बताना चाहिए था, क्योंकि इस फैसले का व्यापक असर होना था, इससे राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन का अधिकार प्रभावित हुआ, जिन मतदाताओं ने उन्हे निर्वाचित किया, उनके अधिकारों पर भी इसका असर पड़ा, बावजूद इसके ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा प्रदान करने के पीछे किसी कारण का उल्लेख नहीं किया.
क्या उसी राजनीतिक तत्परता के साथ बंगला वापस करेगी केन्द्र सरकार
कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी का बंगला भी एक बड़ा सवाल बन कर खड़ा हो गया है. सवाल है कि क्या उसी तत्परता के साथ राहुल गांधी को बंगला वापस किया जायेगा, जिस तत्परता के साथ बंगला छिना गया था. क्या केन्द्र सरकार राहुल गांधी को 12 तुलगक रोड वाला पुरान बंगला ही आवंटित करेगी. हालांकि बंगला आवंटन और रदद् करने का काम सदन की एक समिति के द्वारा किया जाता है. अब सबों की निगाह इस समिति की ओर होगी, वह कब और कौन सा बंगला आवंटित करती है.
लोकसभा स्पीकर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने की मुलाकात
इस बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने फैसले के तुरंत बाद लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर सदस्यता बहाल करने की मांग भी कर दी है, जिसके जवाब में उन्हे कोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने का इंतजार करने को कहा गया है. इस बीच खबर यह भी है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सदस्यता को बहाल कर दिया हो, लेकिन जब तक लोकसभा सचिवालय के द्वारा इसकी अधिसूचना जारी नहीं होती है, राहुल गांधी को इंतजार करना पड़ेगा, कई बार इसमें महीनों की देरी भी की जाती है, ऐसे में मॉनसून सत्र में राहुल गांधी की वापसी मुश्किल माना जा रहा है. वैसे भी लोकसभा अपनी प्रकिया तब ही शुरु करेगी, जब राहुल गांधी के द्वारा लोक सभा सचिवालय से अपनी सदस्यता बहाली की अपील किया जायेगा.
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