रांची(RANCHI)- एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पूजा सिंघल की संपत्तियों को अस्थाई तौर पर जब्त करने की ईडी की कार्रवाई पर अपनी मुहर लगा दी है. इसके साथ ही एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पूजा सिंघल के उस दावे को भी खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि उनके बैंक खाते में जमा एक करोड़ की राशि भ्रष्टाचार की काली कमाई नहीं होकर, उनकी मां और पुस्तैनी जेवर बेच कर जमा किया गया धन है, पूजा सिंघल ने दावा किया था कि ईडी के द्वारा उनके उपर लगाये भ्रष्टाचार के सभी आरोप तथ्यहीन है, और बैंक में जमा यह पैसा मनी लांड्रिग और अवैध कमाई से अर्जित धन नहीं है.
लेकिन एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के सामने ईडी के वकील के द्वारा पूजा सिंघल के इन दावों को चुनौती देते हुए कहा गया कि पूजा सिंघल ने अपने दावों के समर्थन में कोई कागजी सबूत पेश नहीं किया है. साथ ही इसकी जानकारी उनके इनकम टैक्स रिटर्न में भी नहीं है. यदि यह राशि पुस्तैनी जेवर बेच कर जमा किया गया था, तो इसके टैक्स का भुगतान क्यों नहीं किया. साथ ही भारत सरकार को अपनी संपत्ति की जानकारी देते वक्त भी यह सूचना छुपाई क्यों गयी. जिसके बाद एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पूजा सिंघल की इस दलील को खारिज करते हुए संपत्ति को अस्थाई रुप से जब्त करने की कार्रवाई को सही ठहराया.
मनरेगा में घोटाले का सामना कर रही हैं पूजा सिंघल
ध्यान रहे कि खूंटी का डीसी रहते हुए पूजा सिंघल पर मनरेगा में घपले का आरोप है, इस मामले की जांच करते हुए ईडी ने लम्बी पूछताछ के बाद पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था, इसके पहले 6 मई 2022 को पूजा सिंघल से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी, इस छापेमारी के दौरान उनके सीए सुमन कुमार के कार्यालय से ब़ड़ी मात्रा में राशि जब्त की गयी थी, जबकि उनके पति अभिषेक झा के आवास से भी ईडी को कई सबूत हाथ लगे थें. जिसके बाद अभिषेक झा और सुमन कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
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