Ranchi-धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म स्थली पर अपना माथा टेक कर प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली लौट गयें, उनके द्वारा झारखंड के विकास के लिए कई घोषणाएं की गयी. इधर सीएम हेमंत ने राज्य के मोरहाबादी मैदान में राज्य के 23 वें स्थापना दिवस पर 18 हजार युवाओं के हाथों में ऑफर लेटर सौंप कर उन्हे रोजगार का तोहफा प्रदान किया है.
इस अवसर पर उपस्थित विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि यह झारखंड की एक सच्चाई है कि देश की 42 फीसदी खनीज संपदा का मालिक होने के बावजूद भी आज झारखंड की गिनती देश के पिछड़े राज्यो में होती है. हमारा विशाल आदिवासी मूलवासी समुदाय सबसे ज्यादा पिछड़ा है. राज्य में लगे तमाम उधोगों को लाभ यहां के आदिवासी- मूलवासियों को नहीं मिला. उद्य़ोग दर उद्योग लगते गयें लेकिन हमारे आदिवासी मूलवासियों की गरीबी बढ़ती गयी, लेकिन जिन लोगों ने यह गंदगी फैलायी, आज झारखंड की जनता ने उन्हे उनका सही स्थान बता दिया है, हालत यह थी कि लोग हाथ में राशन कार्ड लेकर भूख से मर रहे थें, लेकिन हमारी सरकार बनते ही हमने इस परिदृष्य को बदलने का संकल्प लिया. आज हम इसी दिशा में बढ़ रहे हैं, आदिवासी मूलवासियों की जिंदगी में बदलाव, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हमारा एक मात्र ध्येय है.
सरकार बनते ही इस परिदृश्य को बदलने की हुई शुरुआत
हमारी सरकार बनने के पहले स्थिति यह थी कि हमारे लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती थी कि उनका मुखिया कौन है, उनका वीडियो कौन है, उनका डीसी कौन है, यही कारण है कि हमने सरकार बनते ही आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की, आज अधिकारी ग्रामीणों के दरवाजे पर पहुंच कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं.
हेमंत सोरेन ने सर्वजन पेंशन को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया, उन्होंने दावा किया आज झारखंड का एक भी ऐसा वृदध् महिला पुरुष, विधवा और विकलांग नहीं है, जिसे पेंशन नहीं प्रदान किया जा रहा हो. झारखंड की एक बड़ी समस्या कम उम्र में हमारी बेटियों का विवाह होना था, लेकिन हमारी सरकार ने यह निश्चय किया कि झारखंड के हर बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और यही नहीं हमारी सरकार ने दलित आदिवासी, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने का बड़ा फैसला किया. इस राज्य की बड़ी समस्या पेपर लीक था, परीक्षा की घोषणा होते ही दलालों के द्वारा पेपर लीक की तैयारी कर ली जाती थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून बनाया.
पूर्ववर्ती सरकार पर संवेदनशील होने का लगाया आरोप
पूर्ववर्ती सरकारों पर झारखंड के विकास के प्रति संवेदन शुन्य होने का आरोप लगाते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से झारखंड की सत्ता पर काबिज लोगों ने कभी भी इसके विकास की रुपरेखा तैयार नहीं किया. हेमंत सोरेन ने 80 स्कूल ऑफ एक्सैलेन्स की जानकारी देते हुए दावा किया कि इसके माध्यम से जल्द ही झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में एक आमूल चुक बदलाव होगा, हेमंत सोरेन ने दावा किया कि जल्द ही इन स्कूलों में बच्चों को सरकार की ओर से भोजन की व्यवस्था करवायेगी.
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