रांची(RANCHI)- विपक्षी दलों के हो हंगामें के बीच झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा विधेयक 2023 को सदन से पारित कर दिया गया. हालांकि भाजपा विधायक अनंत ओझा, डॉ लंबोदर महतो, अमर बाउरी, नवीन जायसवाल, अमित मंडल की ओर से इसे प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की गई थी, सजा के प्रावधानों पर एतराज जताया था, विधायक अमर बाउरी ने कहा कि ऐसी सजा तो मर्डर में भी नहीं है, इस विधेयक के बाद तो हमारे छात्र आत्महत्या को मजबूर हो जायेंगे. विधायक अमित मंडल के द्वारा इसकी तुलना अंग्रेजों के द्वारा लाये गये रोलेट एक्ट से की गयी, विधेयक पर तंज कसते हुए अमित मंडल ने कहा कि अंतर सिर्फ इतना है कि उस रोलेट एक्ट को ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर लाया गया था, जबकि इस रोलेट एक्ट को इंडिया गठबंधन की ओर से, लेकिन दोनों में दमन चक्र एक है. जबकि कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव की ओर से इसमें कुछ संसोधन का सुझाव दिया गया, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
इस विधेयक के केन्द्र में सिर्फ छात्र नहीं, कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्रवाई
इन सारे आरोपों को किनारा करते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि जब भी कोई नई चीज आती है, उसका विरोध शुरु हो जाता है, झारखंड इकलौता राज्य नहीं है, जहां इस प्रकार के कानून बने हैं, कई दूसरे राज्यों में भी इस तरह के कानून हैं. इसके केन्द्र में सिर्फ छात्र नहीं है, बल्कि कई दूसरी एजेंसियां और कोचिंग संस्थान भी है. हमारा मकसद गलत प्रैक्टिस को रोकना है, क्योंकि यदि इस पर रोक नहीं लगाया गया तो छात्रों का भविष्य अंधकार हो जायेगा. हम जो कुछ भी कर रहे हैं छात्रों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रख कर ही कर रहे हैं. सीएम हेमंत के इस संबोधन के बाद विधेयक को ध्वनिमत सदन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी, साथ ही दूसरे कई संसोधनों को स्वीकार कर लिया गया और सात साल की सजा को तीन साल व तीन साल की सजा वाले प्राविधान को एक साल करने का आश्वासन दिया गया.
4+