रांची(RANCHI)- टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को आज कड़ी पूछताछ के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा कारा भेज दिया गया. दरअसल बिरसा मुंडा कारा में बंद पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआईए ने एक दिन के रिमांड पर लिया था, इसके पहले भी उससे 12 दिनों की पूछताछ की जा चुकी थी. लेकिन इस बीच एनआई को कई सूत्र हाथ लगे और उसने एनआईए कोर्ट से एक बार फिर से रिमांड की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने उसे एक दिन के रिमांड पर एनआईए को सौंपा दिया.
कई चेहरों के बेनकाब होने की र्चचा
बताया जाता है कि इस पूछताछ में दिनेश गोप ने कई रहस्यों से पर्दा उठा दिया है. हालांकि एनआईए की ओर से अब तक पूछताछ के बारे में कोई जानकारी साक्षा नहीं की गयी है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि दिनेश गोप ने कई अहम जानकारी प्रदान की है. जिसके बाद अब इस मामले में ईडी की इंट्री का रास्ता साफ हो गया है. क्योंकि यह मामला टेरर फंडिंग के साथ ही मनी लांड्रिंग से भी जुड़ा है.
16 वरसों की फरारी के बाद भी नहीं थी झारखंड पुलिस के पास उसकी कोई तस्वीर
ध्यान रहे कि 16 वर्षों से फरार इस कुख्यात नक्सली का झारखंड के कई जिलों में साम्राज्य था, उसकी एक बोली पर करोड़ों की उगाही होती थी. बड़े-बड़े ठेकेदार, व्यापारी, और खनन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के द्वारा उसे करोड़ों की राशि पहुंचायी जाती थी. यहां यह जानना भी जरुरी है कि 16 वर्षों की फरारी के दौरान झारखंड पुलिस के पास इस कुख्यात नक्सली की कोई तस्वीर भी नहीं थी, वह बेहद ही शातिराना अंदाज में अपने कारनामों को अंजाम देता था, चर्चा है कि दिनेश गोप की इस पूछताछ से कई सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं
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