Ranchi-21 अप्रैल की इंडिया गठबंधन की ओर से आयोजित होने वाली उलगुलान महारैली पर सियासत तेज होती नजर आने लगी है. उलगुलान शब्द के प्रयोग आपत्ति जताते हुए भाजपा ने दावा किया है कि इस मंच पर उस दिन सारे देश के सारे भ्रष्टाचारियों का महाजुटान होगा, इन भ्रष्टाचारियों के मुंह से उलगुलान जैसे शब्दों का प्रयोग आदिवासी समाज की अस्मिता पर हमला है, उलगुलान एक परंपरा का बोध करवाता है, संघर्ष और शहादत की याद दिलाता है, इस शब्द के साथ बिरसा मुंडा, तिलका मांक्षी से लेकर सिद्धो कान्हू की यादे जुड़ी है, लेकिन इस महान शब्द का प्रयोग अब देश के भ्रष्टाचारियों के मुंह के किया जा रहा है, यह उलगुलाम न होकर भ्रष्टाचारियों का इकट्ठा होना ,सनातन विरोधियों का इकट्ठा होना ,जिसका नाम उलगुलान रखा गया है। जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था यह उनका अपमान हैं. यह बिरसा मुंडा का अपमान है. जिन्होंने आजादी के लिए उलगुलान शब्द का प्रयोग किया था. उस रैली के मंच पर ऐसे लोग नजर आएंगे जिन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है, जिनके परिजन भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में है ,या ऐसे लोग नजर आएंगे जो जिन्होंने सनातन धर्म को गाली दिया.
उलगुलान महारैली के बाद बदल जायेगी झारखंड की सियासी हवा
यहां याद रहे कि 21 अप्रैल को झामुमो की ओर से रांची में इंडिया गठबंधन की रैली बुलाई गयी है. प्रभात तारा मैदान में आयोजित होने वाली इस रैली को उलगुलान महारैली नाम दिया गया है, दावा किया जाता है कि उस दिन देश के सभी विपक्षी पार्टियों के प्रमुख चेहरों की उपस्थिति होगी, लालू यादव, तेजस्वी यादव, सानिया गांधी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ ही विपक्षी राजनीति के तमाम चेहरों की उपस्थिति होगी, लोकसभा चुनाव के पहले झारखंड में इस रैली को बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, दावा किया जाता है कि इस रैली के बाद हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का सवाल झारखंड की सियासत का सबसे बड़ा मुद्दा में तब्दील हो जायेगा और इसके साथ ही बात पर भी मुहर भी लग जायेगी कि देश का एक बड़ा हिस्सा पूर्व सीएम हेमंत की गिरफ्तारी के विरोध में खड़ा है. इसके साथ ही झारखंड के कोने कोने में इसकी अनुगंज सुनाई देगी.
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