रांची(RANCHI): स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर ईडी की पूछताछ से बचते रहे कारोबारी विष्णुअग्रवाल को एक फिर से आज ईडी के समझ पेश होने का निर्देश दिया गया है. विष्णु अग्रवाल को आज 11 बजे हिनू कार्यालय में उपस्थित होने का समन भेजा गया है.
ईडी के समझ पेश होने से बचने की कोशिश कर रहा है विष्णु अग्रवाल
ध्यान रहे कि विष्णु अग्रवाल को इसके पहले भी कई बार समन भेजा जा चुका है, लेकिन हर बार उनके द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर समय की मांग की जाती रही है, इसके पहले उन्हे अंतिम समन 17 जुलाई को भेजा गया था, लेकिन उस बार भी उनके द्वारा स्वास्थ्य समस्या बताकर समय की मांग की गयी थी, इस परिस्थिति में देखना होगा कि आज वह उपस्थित होते हैं, या एक बार फिर से समय की मांग की जाती है.
महज आठ साल पहले काम की तलाश में आया था रांची
यहां बता दें कि विष्णु अग्रवाल बंगाल के पूर्लिया से महज सात-आठ साल पहले कारोबार के सिलसिले में रांची आया था, लेकिन महज सात वर्षों में उसने रांची में अपना करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया, इतना ही नहीं वर्तमान सरकार के कई मंत्री और विधायकों के साथ ही विपक्षी पार्टियों के भी बड़े राजनेताओं के साथ भी उसके गहरे संबंधों का दावा किया जाता है.
कोलकात्ता में था मामूली कारोबारी
विष्णु अग्रवाल मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पूर्लिया का रहने वाला है. जैसे ही वह राजनेताओं के संपर्क में आया.महज चंद सालों में ‘लक्ष्मीपति’ बन गया. आज के दिन रांची में उसके कई बड़े बड़े मॉल और होटल हैं. मिली जानकारी के अनुसार वह झारखंड के कई बड़े राजनेताओं के काले धन को सफेद करने में मदद करता था. झारखंड में उसे मनी लॉन्ड्रिंग का सबसे बड़ा मशीन माना जाता है.
विष्णु के संपर्क में रहते हैं कई IAS और IPS
विष्णु की पैठ सिर्फ राज्य के बड़े राजनेताओं तक ही सीमित नहीं है. विष्णु की पकड़ राज्य के बड़े अधिकारियों तक है. राज्य के कई आईएएस और आईपीएस लगातार विष्णु के संपर्क में रहते हैं. सूत्रों की मानें तो विष्णु ना सिर्फ राजनेताओं के अवैध पैसे को सफेद करता है बल्कि अधिकारी भी इस लिस्ट में शामिल हैं. विष्णु अग्रवाल का पूरा परिवार बंगाल के पूर्लिया में रहता है. वहीं, कुछ समय पहले ही विष्णु के भाई पर पुत्र-वधु के हत्या का आरोप लगा था. ऐसे में ना सिर्फ विष्णु बल्कि उनका परिवार भी कई विवादों में रह चुका है.
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