टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- हिंसाग्रस्त मणिपुर के दौरे पर गये राहुल गांधी के काफिले को राजधानी इंफाल से करीबन 20 किलोमीटर दूर रोक दिये जाने की खबर आयी है. आगे की यात्रा के लिए प्रशासन की इजाजत नहीं मिलने के बाद राहुल गांधी वापस इंफाल लौट चुके हैं.
काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर जोरदार हमला किया है, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि राहुल गांधी की यात्रा दो समुदायों के बीच जारी इस हिंसा को रोकने की एक पहल मात्र थी, लेकिन भाजपा ना तो खुद ही इस हिंसा पर काबू पाने का प्रयास करती हुई दिख रही है और ना ही किसी दूसरे को इस हिंसा पर रोक लगाने देना चाहती है. काफिले को रोके जाने का कोई औचित्य नहीं है, यह एक विशुद्ध राजनीति है.
चूराचांदपुर रिलीफ कैंप के दौरे पर राहुल गांधी
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी चूराचांदपुर रिलीफ कैंप में हिंसाग्रस्त पीड़ितों से मिलने जा रहे थें, लेकिन बीच रास्ते में ही प्रशासन ने उनके काफिले को रोक दिया. प्रशासन का दावा है कि विष्णुपुर जिले में हाईवे पर टायर जलाए जा रहे हैं, उनके काफिले पर पत्थर भी फेंके जा रहे हैं, इस हालत में उनके साथ भी किसी प्रकार की हिंसा भी हो सकती है, प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला किया है.
सड़क के दोनों किनारे खड़ा है लोगों का हुजूम
इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया है कि राहुल गांधी के स्वागत में लोगों का हुजूम सड़क के दोनों किनारे खड़ा है. हिंसाग्रस्त इस राज्य में लोगों की नजर राहुल गांधी पर टिकी हुई है, लोग उन्हें आशा भरी निगाह से देख रहे हैं, लेकिन भाजपा की कोशिश उनकी यात्रा पर रोक लगाने की है, ताकि वह लोगों के दुख दर्द को देख नहीं सकें, उनकी मुसीबतों को समझ नहीं सकें. इस बीच खबर आ रही है कि राहुल गांधी की योजना 30 जून तक मणिपुर में ही रहने की है. इस दौरान पर सिविल सोसाईटी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे.
अब तक हो चुकी है 131 लोगों की मौत
याद रहे कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय की बीच जारी इस हिंसा में करीबन 131 लोगों की मौत हो चुकी है.जबकि 419 लोग घायल है, 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं. आगजनी की पांच हजार से अधिक की घटनाएं हो चुकी है.
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