Ranchi-लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की सियासी बौछार तेज है. आरोप-प्रत्यारोप की इसी कड़ी में अब झामुमो विधायक विकास मुंडा की इंट्री हुई है. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस दावे ने सियासी सरगर्मी तेज कर दी है कि भाजपा शासन काल में बुंडु अनुमंडल में करीबन 1400 एकड़ जमीन की लूट हुई थी. लेकिन जब तक इस लूट को अंतिम अंजाम तक पहुंचाया जाता, झामुमो की सरकार आ गयी, मामला संज्ञान में आया और जांच का आदेश दे दिया गया. लेकिन स्थानीय सांसद होने के बावजूद अर्जुन मुंडा ने कभी भी इस लूट के खिलाफ आवाज नहीं उठाया, आज भी वह जमीन की इस लूट पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, क्योंकि इन लूटेरों को खुद अर्जुन मुंडा का समर्थन प्राप्त है.
मामले में एसआईटी गठन का जांच का आदेश
अर्जुन मुंडा को कटघरे में खड़ा करते विकास मुंडा ने पूछा कि आखिर वह कौन सी वजह है कि वह इस लूट के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. खूंटी कोई साधारण क्षेत्र नहीं है. भगवान बिरसा की कर्म भूमि है.खुट कटी इलाका है. बावजूद इसके जमीन की लूट हो गई और स्थानीय सांसद ने कभी आवाज नहीं उठाया, क्या थी इसके पीछे की वजह? देश की आज़ादी के बाद सरकार ने जमींदारों से जमीन लेकर स्थानीय रैयतों को देने का काम किया था. पुराने खतियान के आधार पर जमीन मूल रैयत को जमीन सौंपी गई थी. लेकिन अब 1400 एकड़ जमीन का फर्जी तरीके से निबंधन करवाने की साजिश रची जा रही है. जबकि राज्य सरकार ने मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है, जल्द ही इस मामले से पर्दा उठेगा.
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