रांची(RANCHI)-सेना जमीन घोटाले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाई अंचल सीआई भानूप्रताप, भूमाफिया प्रदीप बागची, रिम्स कर्मी अफसर अली, भू माफिया इम्तियाज अहमद सहित कईयों की गिरफ्तारी और कारोबारी विष्णु अग्रवाल से लम्बी पूछताछ के बाद अब ईडी को जमीन के असली भूस्वामी की तलाश है.
कुल 15 लोगों को भेजा गया समन
असली भूस्वामी जयंत करनाड सहित कूल 15 लोगों को भेजे गये समन पत्र में इन सभी को ईडी कार्यालय में बुलाया गया है. ध्यान रहे कि उक्त जमीन पर सेना का लम्बे समय से कब्जा है, भूस्वामी जयंत करनाड ने वर्ष 2007 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सेना से जमीन को मुक्त करवाने का फरियाद लगाया था. जिसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त जमीन को खाली करवाने का फैसला सुनाया था, जिसके बाद जयंत करनाड के द्वारा कुल 13 लोगों को यह जमीन बेच दी गयी थी. इस बार जिन 15 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, उसमें से 13 लोगों ने जयंत करनाड से जमीन की खरीद की है, एक खुद जयंत करनाड और दूसरा निगमकर्मी दिलीप शर्मा है. अब इन सभी से पूछताछ की जानी है.
निगमकर्मी दिलीप शर्मा की ओर से दायर की गयी थी पहली प्राथमिकी
ध्यान रहे कि इसमें से निगमकर्मी दिलीप शर्मा से पहले भी ईडी अपनी पूछताछ कर चुकी है, हालांकि अभी तक दिलीप शर्मा को ईडी की ओर से कोई समन नहीं मिला है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि 15 लोगों की सूची में उसका भी नाम है.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होल्डिंग लेने की साजिश
यहां बता दें कि इस मामले की प्राथमिकी निगम के वरीय अधिकारियों के आदेश पर दिलीप शर्मा की ओर से ही दायर की गयी थी, तब यह मामला होल्डिंग नम्बर से जुड़ा था, दावा किया जाता है कि जिन कागजातों के आधार पर प्रदीप बागची के द्वारा होल्डिंग के लिए आवदेन किया गया था, उसमें कई दस्तावेज फर्जी थें, प्रदीप बागची के द्वारा होल्डिंग संख्या के लिए आवदेन देने के बाद किसी अनजान शख्स के द्वारा निगम कार्यालय में उन दस्तावेजों का फर्जी होने की शिकायत की गयी, जिसके बाद निगम के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन फानन में निगमकर्मी दिलीप शर्मा को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाने आदेश दिया गया. जिसके आधार पर ही ईडी ने इस मामले में 21 अक्टूबर 2022 को ईसीआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरु की थी.
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