रांची (RANCHI): झारखंड में जैसै-जैसे चुनाव की घोषणा का वक्त नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे राजनीतिक दल अपने दावों और रणनीतियों की चादर बुनने में जुट गए है. झारखंड में विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म होने वाला है. लेकिन जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक झारखंड औऱ महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव एक साथ हो सकता है. जिससे चुनावी जंग में रोमांच और भी बढ़ जाएगा. आचार संहिता लागू होते ही, राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर बंधन लग जाएगा. सभी पार्टियाँ अब अपने चुनावी मुद्दों, उम्मीदवारों और प्रचार रणनीतियों को एकदम नए अंदाज में पेश करने के लिए तैयार हो रही हैं. ऐसे में बात करे झारखंड की तो झारखंड में झामुमो, भाजपा, कांग्रेस औऱ आजसू में कुछ नेता ऐसे है जिन्हें चुनावी मैदान में उतरने के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है. ऐसे में चलिए जानते है भाजपा और आजसू यानी एनडीए से वे कौन से उम्मीदवार है. जिनका इस विधानसभा के चुनाव में टिकट फिक्स हो चुका है.
भाजपा से इनका चुनाव लड़ना तय
- इस लिस्ट में सबसे पहला नाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का है, जो गिरिडीह के धनवार से विधायक है. हालांकि उनकी सीट को लेकर संशय़ बरकरार है कि वे कहा से चुनाव लड़ने वाले है. लेकिन पार्टी के भीतर इस बात की चर्चा है कि भाजपा अपने सभी बड़े एसटी नेताओं को रिजर्व सीट पर उतारने की योजना बना रही है. ऐसे में बाबूलाल मरांडी किस सीट से चुनाव लड़ेंगे यह भाजपा की पहली सूची आने के बाद सामने आ जाएंगा. आपकों बता दें कि 2019 के चुनाव में बाबूलाल ने भाजपा के लक्ष्मण प्रसाद सिंह को हराया था.
- वहीं इस लिस्ट में दूसरा नाम नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का है. बताया जा रहा है कि अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी सीट से ही चुनाव लड़ंगे. आपकों बता दें कि 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चन्दनकियारी से झाविमों के टिकट पर चुनाव लड़ा था. लेकिन आजसू पार्टी के उम्मीदवार उमाकांत रजक से हार गए थे. जिसके बाद 2014 के चुनाव में बाउरी चंदनकियारी से झाविमो के टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन पार्टी के 5 अन्य विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए और झाविमो (प्र) विधायक दल का भाजपा में विलय कर दिया. इसके बाद उन्होंने 2019 का चुनाव भी चंदनकियारी सीट से ही चुनाव लड़े औऱ जीते. ऐसे में अगर देखे तो चंदनकियारी सीट अमर बाउरी का परंपरागत सीट है और इस सीट पर अगर भाजपा अमर बाउरी को उतारती है. तो निश्चित रूप से भाजपा को फायदा मिलेगा.
- इस लिस्ट में तिसरा नाम हाल ही में भाजपा में शामिल हुए कमलेश सिंह का है. बता दें कि कमलेश सिंह 2019 के चुनाव में एनसीपी के टिकट पर हुसैनाबाद विधानसभा सीट चुनाव लड़े थे. और वर्तमान समय में कमलेश सिंह हुसैनाबाद के विधायक है. बताया जा रहा था कि हुसैनाबाद और चंदनकियारी से आजसू अपनी प्रत्याशी उतारने की बात कह रही थी. लेकिन असम से सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने यह स्पष्ट किया है कि इन दोनों सीटों पर आजसू से तालमेल बन गया है. हिमंता के इस बयान से साफ है कि इस बार कमलेश सिंह भाजपा के चुनाव चिन्ह पर हुसैनाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि कमलेश सिंह का हुसैनाबाद के वोटरों में अच्छी पकड़ है. उनका ना केवल राजपूत बल्कि मुस्लिम वोटरों में भी अच्छी पकड़ है. जिसका फायदा भाजपा को कमलेश सिंह के रूप में मिल सकता है.
- चौथे नंबर पर चंपाई सोरेन का नाम आ रहा है. बताया जा रहा है कि चंपाई सोरेन को भाजपा सरायकेला विधानसभा से चुनावी मैदान में उतार सकती है. बता दें कि चंपाई सोरेन झामुमो से इस्तिफा देक भाजपा का दामन थाम लिया था. चंपाई सोरेन का कोल्हान में अपना एक अलग दबदबा है. चंपाई सोरेन साल 2005 से लगातार सरायाकेला विधानसभा से चुनाव जीतते आ रहे है. ऐसे में भाजपा के पास चंपाई सोरेन के रूप में एक बड़ा चेहरा है. जो कि कोल्हान में भाजपा को काफी फायदा दिला सकता है.
आजसू से इनकों दिया जाएगा टिकट
अब बात एनडीए के घटक दल आजसू की करे तो इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो का है. बताया जा रहा है कि सुदेश महतो अपनी सीट सिल्ली से ही चुनाव लड़ेंगे. वहीं दूसरे नंबर पर लंबोदर महतो का है. जो कि गोमिया से चुनाव लड़ेंगे. वहीं सुनीता चौधरी का रामगढ़ से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है.