रांची (RANCHI): झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सभी प्रमुख पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में जुटी हुई है. झामुमो, भाजपा, कांग्रेस और आजसू जैसे दलों में कुछ नेता ऐसे है जो चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है. लेकिन अभी भी पार्टी के अंदर और बाहर रायशुमारी का दौर चल रही है. ऐसे में चलिए जानते है झामुमो से वे कौन से उम्मीदवार है. जिनका इस विधानसभा 2024 में टिकट फिक्स हो गया है.
झामुमो से इन नेताओं का चुनाव लड़ना तय
- इस लिस्ट में सबसे पहला नाम राज्य के मुखिय हेमंत सोरेन का आ रहा है. बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन अपने परंपरागत सीटबरहेट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने 2014 और 2019 में भाजपा के उम्मीदवारों को पराजित किया था. ऐसे में ज्यादा उम्मीद है कि हेमंत सोरेन बरहेट से अपनी तीसरी जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव लड़े. इस से ना केवल हेमंत सोरेन का बल्कि पार्टी को भी फायदा होगा.
- वहीं इस लिस्ट में दूसरा नाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पाना सोरेन का आ रहा है. बताया जा रहा है कि कल्पना गांडेय से ही विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी. बता दें कि वर्तमान समय में कल्पना गांडेय से विधायक है. सरफराज अहमद ने पार्टी के लिए यह सीट छोड़ दिया था. जिसके बाद कल्पना सोरेन ने 2024 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर राजनीतिक पारी की शुरूआत की थी.
- तिसरा नाम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन का है. बताया जा रहा है कि बसंत सोरेन दुमका से चुनाव लड़ने वाले है. उन्होंने हाल ही में उपचुनाव में जीत दर्ज की, जो इस बार के चुनाव में झामुमो के लिए फायदेमंद हो सकती है.
- इसके अलावा, रामदास सोरेन का नाम भी चर्चा में है वे 2009 और 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत की दावेदारी ठोकते आ रहे है, ऐसे में उन्हें घाटशिला से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. वे भाजपा में जा चुके चंपाई सोरेन के खिलाफ अच्छी तरह से ताल ठोकने का भरोसा रखते हैं, जिससे उनकी जीत की संभावनाएं मजबूत हो सकती हैं.
- पांचवा नाम दीपक बिरुआ का आ रहा है, दीपक बिरुआ जो चाईबासा से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और हेमंत कैबिनेट में मंत्री हैं. उनकी अनुभव और स्थानीय लोकप्रियता इस बार भी पार्टी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
- छट्टा नाम गढ़वा के विधायक और मंत्री मिथिलेश ठाकुर का आ रहा है. 2009 और 2014 में हार के बाद, उन्होंने 2019 में जीत हासिल की, जिससे उनकी स्थिति मजबूत हुई. गैर-ट्राइबल बेल्ट में उनकी सफलता के चलते उन्हें कैबिनेट में भी स्थान मिला है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा को दर्शाता है. ऐसे में गढ़वा से मिथिलेश को टिकट देना निर्चित माना जा रहा है.
- सातवा नाम मंत्री बेबी देवी या उनके पुत्र राजु महतो का है कि वे डुमरी सीट से चुनाव लड़ेंगें. बता दें कि बेबी देवी के स्वर्गीय पति जगरनाथ महतो का डुमरी में अपना प्रभाव रहा है, और उनके निधन के बाद डुमरी में हुए उपचुनाव में बेबी देवी ने जीत हासिल की. इस बार भी उनके नाम से स्थानीय मतदाताओं में विश्वास है, जिससे उनकी जीत की संभावनाएं काफी मजबूत हैं.
- इस लिस्ट में आठवा नाम मंत्री हफीजुल हसन का है जो मधुपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ंगे. बता दें कि हफीजुल हसन के पिता हाजी हुसैन के निधन के बाद हफीजुल हसन राजनीति में सक्रिय हुए थे और उन्होंने कोरोना काल में मधुपुर मे हुए उपचुनाव में जीत हांसिल की थी.