पटना(PATNA)- विपक्षी एकता की बैठक में पटना पहुंचे राहुल गांधी एक नया अवतार देखने को मिल रहा है. अपने समर्थकों की भीड़ में घिरे राहुल गांधी जनता की नब्ज को समझने की कोशिश कर रहे हैं, उनसे उनका मूड जानने की कोशिश कर रहे हैं, हालचाल पूछ रहे हैं.
राहुल गांधी की इस रणनीति को लेकर चर्चा भी शुरु हो गयी है, दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी सिर्फ पटना की सड़कों पर आम जनता के मूड को ही समझने की कोशिश नहीं कर रहे है, बल्कि उनकी नजर तेजस्वी यादव, केजरीवाल सहित अखिलेश यादव पर भी टिकी हुई है, हालांकि जिस भव्य तरीके से राजद कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया, इससे राहुल गांधी तेजस्वी यादव के प्रति बहुत हद तक आश्वस्त नजर आ रहे हैं.
कर्नाटक चुनाव के समय भी लोगों के मूड को भांप रहे थें राहुल गांधी
हालांकि जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी यह कोशिश कर्नाटक चुनाव में करते दिखे थें, कर्नाटक की गलियों में भटकते समय भी राहुल गांधी ने यह अंदाजा लगा लिया था कि इस बार कांग्रेस बड़ी बहुमत के साथ वापसी करने वाली है.
क्या विपक्ष का चेहरा बनने की है चाहत
लेकिन मूल सवाल यह है कि राहुल गांधी तेजस्वी, अखिलेश, केजरीवाल के मूड को भांपने की कवायद क्यों कर रहे हैं, क्या वह विपक्षी एकता के ठीक पहले विपक्ष के चेहरे के बतौर अपनी स्वीकार्यतता का आकलन कर रहे हैं? हालांकि मोदी सरनेम वाले टिप्पणी के मामले में उन्हे अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है. साथ ही उन पर 6 सालों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगाया गया है. लेकिन निचली अदालत के इस फैसले को उपरी अदालत में चुनौती दिया जा चुका है. बहुत संभव है कि उनकी नजर कोर्ट के उस फैसले पर टिकी हो, वह इस बात को लेकर आश्वस्त हों कि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में ही आयेगा. तब क्या उनके ही चेहरे को विपक्ष का चेहरा बनाया जायेगा? क्या राजद का यह भव्य स्वागत इसी बात का संकेत है.
सीएम नीतीश का भी इस कला में महारत है
ध्यान रहे कि महान राजनीतिज्ञ दिग्गज रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम विज्ञानी कहा जाता था, हालांकि इस कला में सीएम नीतीश कुमार भी काफी प्रवीण है, लेकिन राहुल गांधी के इस तेवरों से लगता है कि देश को एक और नया मौसम वैज्ञानिक मिलने वाला है.
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