'पिता सियासत में तो जरुरी नहीं की बेटा भी करे राजनीति', चपरासी पद पर बहाली के बाद मुकेश भोक्ता का बयान

सवाल तो यह भी खड़ा किया जा सकता है कि जिस चपरासी,अर्दली और दूसरी चतुर्थ वर्गीय नौकरियों पर समाज के अभिवंचित वर्गों की नजर रहती थी, ताकि उन्हे किसी विशेष प्रतियोगिता का सामना नहीं करना पड़े, अब वह नौकरियां भी मंत्री और अधिकारियों के बेटे के हिस्से में जायेगी, तब राज्य के सामान्य युवा क्या करेंगे. इसके बाद तो रोजगार की तलाश में सड़क पर भटकते युवाओं का दर्द और भी अंधकारमय हो जायेगा. 

'पिता सियासत में तो जरुरी नहीं की बेटा भी करे राजनीति', चपरासी पद पर बहाली के बाद मुकेश भोक्ता का बयान