रांची-सांसदी जाने के बाद पहली मीडिया के सामने आये राहुल गांधी ने कहा है कि सच्चाई मेरे खून में है, सच्चाई मेरी तपस्या है, मारे या पीटें या सच बोलता हूं और बोलता रहूंगा. संसद में मेरी उपस्थिति से भाजपा के अन्दर बेचैनी है, मैंने अपने भाषणों से पीएम मोदी की आंखों में डर देखा है, मेरी सांसदी जाना उनके अन्दर पनप रहे उसी डर का नतीजा है.
अडाणी मोदी के रिश्तों पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि जब-जब मैं अडाणी से उनके रिश्ते को लेकर सवाल पूछता था, उनकी आखों में भय उतर जाता था, वह किसी भी कीमत पर मुझे संसद से बाहर निकालने पर उतारु थें, उनके अन्दर एक डर था कि यदि मैं संसद के अन्दर रह गया तो अगली बार और भी तीखे सवाल पूछूंगा, यही कारण था कि मेरे भाषणों को संसद की कार्यवाही से निकाला गया.
सवाल मेरी सदस्यता जाने आने नहीं, यहां सवाल भारतीय लोकतंत्र का है
राहुल गांधी ने कहा कि यहां सवाल मेरी सांसदी जाने या बचाने का नहीं है, सवाल तो इस देश के लोकतंत्र का है, सवाल इस देश का है, इस देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है, मैं किसी भी कीमत पर इसे खोना नहीं चाहता, यह देश रहेगा तब ही मेरी संसद की सदस्यता रहेगी, आज तो देश के लोकतंत्र पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है, हालत यह हो गयी है कि अडाणी को ही देश बताया जा रहा है, अडाणी प्रकरण पर सवाल पूछने को देशद्रोह बताया जा रहा है.
अडाणी देश नहीं है, और अडाणी के मामले में सवाल पूछना देशद्रोह नहीं है
राहुल गांधी ने कहा कि अडाणी देश नहीं है, भाजपा के लोगों को अडाणी के पक्ष में देश के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, अडाणी से यह सवाल पूछना चाहिए कि यह 20 करोड़ रुपये किसके हैं, यदि यह 20 हजार करोड़ रुपये प्रधानमंत्री मोदी के हैं तो यह पैसा उन्हे मिलना चाहिए, हमारी मांग तो सिर्फ इतना है कि यह पैसा किसका है?
अडाणी की कंपनी में किसने डाले 20 हजार करोड़ रुपये
अडाणी की कंपनी में 20 हजार रुपये पर सवाल उठाते हुए उन्होने कहा कि यह 20 हजार रुपये अडाणी की शेल कंपनी से आया, यह पैसा अडाणी का नहीं है, किसी ने उनकी कंपनी में निवेश किया है, वह आदमी कौन है, मेरा सवाल बस इतना है, लेकिन भाजपा और देश के प्रधानमंत्री को इन सवालों से डर लग रहा है, यही कारण है कि जेपीसी की मांग को खारिज की जा रही है.
गुजरात से चला आ रहा है यह रिश्ता
अडाणी और मोदी के रिश्ते पर सवाल उठाते हुए उन्होने कहा कि दोनों के बीच का यह रिश्ता नहीं है, बहुत पुराना रिश्ता है, जब मोदी गुजरात के सीएम थें, तब से ही यह रिश्ता चला आ रहा है, मैंने इसकी फोटे भी दिखलाई थी, आप देख सकते हैं कि इस फोटे में नरेंद्र मोदी अपने मित्र के साथ बड़े आराम से बैठे हुए हैं. लेकिन इस फोटो को सामने लाने के बाद मेरे भाषण को संसद की कार्यवाही से बाहर निकाला गया. इतना डर है इनके दिलों के अन्दर.
सवाल उठाना बंद नहीं होगा, अब लड़ाई सड़क पर होगी
राहुल गांधी ने कहा कि यदि वह यह सोचते हैं कि इसके बाद मैं सवाल उठाना बंद करुंगा तो यह उनकी भूल है, इस देश की हिफाजत और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मेरा सवाल पूछना जारी रहेगा, अब मेरी लड़ाई सड़क पर होगी.
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