Ranchi- सेना जमीन घोटाले में बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा में बंद रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गयी, पीएमएलए कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है, जमानत याचिका पर बहस के दौरान छवि रंजन की ओर अधिवक्ता अभिषेक चौधरी और अभिषेक सिंह ने इस बात का दावा किया कि सिर्फ मौखिक आरोपों पर उनके मुवक्किल को आरोपी बनाया गया है, ईडी के पास आरोपों को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है. इसलिए उनके मुवक्किल को जमानत प्रदान करना चाहिए, जबकि ईडी की ओर से उपस्थित विशेष लोक अभियोजक रमित सत्येंद्र ने इस बात का दावा किया कि छवि रंजन सेना जमीन घोटाले का मुख्य आरोपी हैं और प्रमुख आरोपी को जमानत देना उचित नहीं होगा.
नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट पर शुरु हुई थी जांच
यहां बता दें कि रांची के तात्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले की जांच शुरु हुई थी. हालांकि इसके पहले नगर निगम की ओर से भी मामला दर्ज करवाया गया था, नगर निगम का दावा था कि फर्जी पत्ता और दस्तावेजों के आधार होल्डिंग नम्बर लेने की कोशिश की गई, नगर निगम की ओर से दिलीप शर्मा ने प्रदीप बागची के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद मामले की जांच तात्कालीन आयुक्त की ओर से शुरु की गयी. नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया था कि सेना की जमीन पर भूमाफियाओं की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा जमाया गया था.
ईडी ने अब तक इस मामले में बड़गाई अंचल का राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, जमीन मालिक का होने का दावा करने वाले प्रदीप बागची, जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष, रिम्सकर्मी अफसर अली, कारोबारी अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल के साथ ही करीबन 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में सबसे अंतिम गिरफ्तारी विष्णु अग्रवाल को हुई है.
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