रांची(RANCHI)- वन नेशन वन कार्ड की योजना लाते वक्त परिकल्पना की गयी थी कि इससे उपभोक्ताओं की समस्यायों का निराकरण हो जायेगा, आजीविका की तलाश में जब ये उपभोक्ता दूसरे राज्य जायेंगे, तब उनके सामने कम से कम पेट की समस्या नहीं रहेगी. वह बेफिक्र होकर अपनी जीविका की तलाश करेंगे. लेकिन अब यही योजना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर सामने आ रही है,
पीडीएस सशक्तिकरण पखवाड़ा में सामने आया फर्जीवाड़ा
दरअसल खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग की ओर से 1 फरवरी से 21 फरवरी तक पीडीएस सशक्तिकरण पखवाड़ा का आयोजन किया गया था, जब इस दौरान उपभोक्ताओं के आधार को ई-पॉश मशीन पर लिंक करवाया गया, तब इस बात का खुलासा हुआ कि इन उपभोक्ताओं के द्वारा बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में भी उठाव किया जा रहा है. कई उपभोक्ताओं के द्वारा बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और ओडिसा में भी उठाव किया जा रहा है. इस तरह के
2.36 लाख राशन कार्ड रद्द करने की तैयारी में विभाग
विभाग के अनुसार इस तरह के लाभुकों की करीबन संख्या 2.36 लाख की है, अब विभाग इन सभी राशन कार्डों को रद्द करने की तैयारी में है.विभाग का दावा है कि ऐसे उपभोक्ताओं के कारण दूसरे जरुरतमंद उपभोक्ताओं को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.
यहां बता दें कि राजधानी रांची में बड़ी संख्या में बिहार और दूसरे राज्यों के मजदूर काम की तलाश में आते हैं, जबकि झारखंड के दूसरे हिस्सों से बड़ी संख्या में मजदूर काम की तलाश में यूपी और दूसरे राज्यों में जाते हैं, इन उपभोक्ताओं के द्वारा अपने अपने राज्यों के साथ ही झारखंड में उठाव किया जा रहा है, जबकि झारखंड के कई उपभोक्ता दूसरे राज्यों में राशन का उठाव कर रहे हैं.
विभाग के दावे के अनुसार इस तरह के उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या राजधानी रांची और कई दूसरे जिलों के मुख्यालयों से सामने आयी है, अब विभाग इन राशन कार्डों को रद्द करने की योजना पर काम कर रहा है.
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