टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अतीक अहमद के तीन हत्यारों में से एक अरुण मौर्या को जल्द ही जेल से रिहा किया जा सकता है. जबकि बाकी दो हत्यारों लवलेश तिवारी और सनी सिंह को अपनी पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ सकती है.
राशन कार्ड के अनुसार नाबालिग है अरुण मौर्या
दरअसल कासगंज जिले के कादरवाड़ी गांव के रहने वाले अरुण मौर्या के घर से जो राशन कार्ड मिला है, उसमें उसकी उम्र महज 14 वर्ष, तीन महीने और 18 दिन है. इस प्रकार अपराध करने के समय वह नाबालिग था, बावजूद इसके उसके कानूनी कार्रवाई का तो सामना करना पड़ेगा, लेकिन यह पूरी कार्रवाई उसे नाबालिग मान कर की जायेगी.
चाचा सुनील मौर्या का दावा
अरुण मौर्य के चाचा सुनील मौर्य ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि नाबालिग अरुण को इस हत्याकांड के लिए किसी के द्वारा बहकाया गया है. वह आदतन अपराधी नहीं था. निश्चित रुप से इस हत्याकांड के लिए उसे किसी के द्वारा माइंड वॉश किया गया होगा.
यूपी पुलिस ने बताया था बालिग
ध्यान रहे कि इसके पहले यूपी पुलिस ने अरुण को बालिग होने का दावा किया था, इसके पहले भी जब उसे अवैध हथियार ले जाने के आरोप में हरियाणा में गिरफ्तार किया था, तब भी उसे नाबालिग बतलाया गया था और उसे रिहा कर दिया गया था. हालांकि इसके पहले जब पानीपत में आर्म्स एक्ट के तहत उसकी गिरफ्तारी हुई थी, तब उसकी जन्म तिथी 1992 का बतलायी गयी थी, इस प्रकार उसकी उम्र 32 वर्ष की होती है. अब देखना दिलचस्प होगा कि उसकी वास्तवीक उम्र क्या है, और क्या नाबालिग होने के आधार पर एक बार और उसे मुक्ति मिल सकती है.
ध्यान रहे कि अरुण मौर्या ने लवलेश तिवारी और सनी सिंह के मिलकर उस वक्त डॉन अतीक अहमद को गोलियों से भून दिया था जब वह मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रहा था. ये तीनों भी उस वक्त पत्रकार के वेश में ही थें.
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