तीन राज्यों में हार के बाद बड़े बदलाव की तैयारी में कांग्रेस! झारखंड में भी बदल सकता है संगठन का चेहरा

विधायकों का रोना इस बात का है कि संगठन में जनाधारहीन नेताओं को कुछ ज्यादा ही तरजीह दी जा रही है. कुछ चेहरे तो ऐसे भी हैं जो पंचायत स्तर पर भी जीत दिलाने की स्थिति में भी नहीं हैं, लेकिन उनकी दोस्ती और पहुंच दिल्ली दरबार तक है. अब यह दिल्ली दरबार को देखना है कि वह अपने पंसीददा चेहरे को आगे 2024 को फतह करना चाहती है या जमीनी दमखम रखने वाले नेताओं को मैदान में उतारती है. 

तीन राज्यों में हार के बाद बड़े बदलाव की तैयारी में कांग्रेस! झारखंड में भी बदल सकता है संगठन का चेहरा