Ranchi-हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों को सीएम के प्रधान सचिव विनय चौबे से बातचीत जारी है. सरकार से बातचीत का प्रस्ताव मिलने के बाद पारा शिक्षक संघ की ओर से 10 सदस्यीय टीम सचिवालय के लिए निकल चुकी है.
यहां बता दें कि पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्य भर के करीबन 50 हजार शिक्षक एक बार फिर से आन्दोलनरत हैं. राज्य के कोने-कोने से शिक्षकों को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में पहुंचना जारी है, इस बीच प्रशासन ने मैदान के आसपास बैरिकैडिंग कर दिया है. साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
पूर्व शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने समाप्त किया था अपना आन्दोलन
एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आयोजित किये जा रहे इस प्रर्दशन के बारे में बताते हुए मोर्चा के विनोद बिहारी महतो ने बताया कि शिक्षक हेमंत सरकार की वादाखिलाफी से परेशान है. पूर्व शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने अपने आन्दोलन को समाप्त करने का फैसला किया था, लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी ही समझौते को अमलीजामा नहीं पहनाया गया, आज भी हमारी समस्यायें ज्यों की त्यों पड़ी है, हेमंत सरकार सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देने का काम करती है, लेकिन हमारी मांग हमारी समस्याओं का निदान की है. यही कारण है कि शिक्षकों ने एक बार फिर से सड़क पर उतरने का फैसला किया है.
मंत्रियों से भी सीएम आवास का घेराव में शामिल होने की अपील
ध्यान रहे कि एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा इसके पहले चार जून को सभी मंत्रियों को अपना ज्ञापन सौंप कर सीएम आवास का घेराव में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर चुकी है. संघर्ष मोर्चा के नेताओं का दावा है कि यदि आज के कार्यक्रम के बावजूद भी सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिया जाता है तो 15 नवंबर को पूरे राज्य से एक एक शिक्षकों को महाजुटान होगा.
क्या है शिक्षकों की मांग
यहां बता दें कि शिक्षक पूर्व की सरकारों के द्वारा आन्दोलनरत शिक्षकों पर राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनकी दूसरी मांग 01 जनवरी 2023 से 4% मानदेय वृद्धि के लाभ का एरियर भुगतान करने की है. सहायक अध्यापकों का विभिन्न कारणों से पूर्व के वित्तीय वर्षो का बकाया मानदेय बकाया है.
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