टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 2024 के जंगे मैदान से पहले ही ब्रांड मोदी का जलबा दम तोड़ता नजर आने लगा है. प्रधानमंत्री मोदी की दर्जनों रैलियां और रोड शो के बावजूद कर्नाटका के किले में भाजपा हांफती नजर आ रही है. अब तक के रुझानों के अनुसार कांग्रेस के खाते में 114, भाजपा को 73 और जेडीएस को 30 सीटें मिलती दिख रही है. यदि वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 43.2, भाजपा को 36 और जेडीएस को13फीसदी वोट मिलता दिख रहा है.
एक ब्रांड के रुप में प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह आखिरी परीक्षा
यदि ये रुझान ही आंकड़ों में बदल जाते हैं, तो यह 2024 के महासमर से पहले ब्रांड मोदी के लिए एक गहरा धक्का होगा और इसका असर पूरे देश की राजनीति पर दिखने लगेगा. क्योंकि हिमाचल, बंगाल, बिहार, झारखंड सहित देश के कई राज्यों में पहले भी भरपूर प्रचार के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी भाजपा को सत्ता दिलवाने में विफल रही है. कहा जा सकता है कि एक ब्रांड के रुप में प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह आखिरी परीक्षा होगी. कर्नाटक हाथ से फिसलते ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बगावतें तेज हो जायेगी, बल्कि कहा जाय तो तेज हो चुकी है. इन दोनों ही राज्यों में कई मजबूत जनाधार वाले नेताओं के द्वारा पहले ही कांग्रेस का दामन थामा जा चुका है. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही यह रफ्तार और भी तेज होगी.
देखना होगा कि भाजपा की ओर से कर्नाटक की हार का ठिकरा किसके सिर पर फोड़ा जाता है
हालांकि यह अभी शुरुआती आंकड़ा हैं, लेकिन ये आंकड़ें भाजपा के लिए बेहद चिंताजनक है, और कहा जा सकता है कि हालिया कई वर्षों से भाजपा इसकी आदि नहीं रही है. देखना यह भी होगा कि भाजपा की ओर से हार का ठिकरा किसके सिर पर फोड़ा जाता है, इतना तो साफ है कि एक ब्रांड के रुप में प्रधानमंत्री की असफलता को वह कभी स्वीकार नहीं करेगी.
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