पटना(PATNA)-जिला प्रशासन ने भाजपा नेता विजय सिंह की पुलिस लाठीचार्ज में मौत के दावे को खारीज कर दिया है, जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह और एसएसपी संजय मिश्रा ने एक संयुक्त बयान जारी कर दावा किया है कि लाठीचार्ज का लोकेशन और भाजपा कार्यकर्ता के लोकेशन में काफी अंतर हैं, भाजपा नेता की घटना स्थल पर मौजदूगी नहीं थी.
प्रशासन का दावा है कि सीसीटीवी फुटेज में विजय सिंह घटना स्थल से काफी दूर तीन लोगों के साथ बातचीत करते देखे जा रहे हैं, वह करीबन 1.19 बजे छज्जुबाग से जेपी गोलम्बर की ओर जाते हुए देखे जा रहे हैं, और इसके ठीक पांच मिनट के बाद उन्हे अस्पताल ले जाया जा रहा है, जबकि पुलिस का लाठी चार्ज डाकबंगला चौराहे पर हुआ था.
हालांकि अब तक मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आयी है, इस बीच प्रशासन ने प्राकृतिक मौत का एक मामला दायर कर दिया गया है. प्रशासन मृतक के परिजनों से सम्पर्क में हैं. प्रशासन को भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
विधान सभा घेराव के दौरान हुआ था लाठीचार्ज
यहां बता दें कि भाजपा ने 13 जुलाई को विधान सभा घेराव कार्यक्रम किया था, प्रशासन का दावा है कि विधान सभा मार्च के भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से मिर्ची पाउडर का छिड़काव किया गया था, इस मिर्ची पाउडर की चपेट में ना सिर्फ पुलिस कर्मियों आयें, बल्कि कई मीडिया कर्मियों की आंखें भी जलने लगी, जिसके बाद पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया, जबकि भाजपा का दावा है कि उसके कार्यकर्ता की मौत पुलिस लाठीचार्ज में हुई थी.
कार्यकर्ता की मौत के बाद हमलावर है भाजपा
इस मौत के बाद भाजपा काफी आक्रमक है और इसे पुलिस और नीतीश सरकार की बर्बरता बतला रही है, काला दिवस मनाया रहा है, हालांकि इस बीच जिला प्रशासन की ओर से पटना शहर के तमाम सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जाने लगा, जिसमें इस बात की पुष्टी हुई कि मृतक की मौजदूगी घटना स्थल पर नहीं थी.
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