रांची(RANCHI)- हालांकि डुमरी उपचुनाव के अखाड़े में ओवैसी की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे या नहीं, इसकी पुष्टी करने की स्थिति में कोई नहीं है. हालाकिं कई मीडिया चैनलों के द्वारा इस तरह की खबर भी चलायी गयी है, जिसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है. और जब तक इस मामले में पुलिस की जांच पूरी नहीं हो जाती और तथ्य सामने नहीं आ जाता यह दावा संदेहास्पद है.
ध्यान रहे कि इस दावे के प्रकारांतर एक दावा यह भी किया जा रहा कि ओवैसी की उस सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के बजाय शाकिर खान जिंदाबाद के नारे लगाये गये थें. शाकिर खान ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का झारखंड प्रदेश हैं, ओवैसी को सामने देख शाकिर खान के समर्थकों में उत्साह आ गया और वह इस उम्मीद से शाकिर खान जिंदाबाद का नारा लगाने लगे कि इससे उनका कद बढ़ेगा और ओवैसी साहब उनके नेता को कोई बड़ी जिम्मेवारी सौंपेगें. लेकिन कुछ लोगों ने शाकिर खान जिंदाबाद के सामान्य से नारे को अपनी सहुलियत के हिसाब से पाकिस्तान जिंदाबाद में तब्दील कर दिया. अब तथ्य क्या है, यह एक गंभीर जांच का विषय है.
तथाकथित ‘पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे के बाद हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चेंबंदी तेज
लेकिन तथाकथित ‘पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे पर भाजपा ने हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी तेज कर दी है, और हेमंत सरकार पर सरिया कानून को लागू करने की दिशा में बढ़ने का आरोप लगाया है, भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ खडा होकर हेमंत सोरेन का इरादा झारखंडी की आबादी को बदलने का है. यही कारण है कि आज झारखंड की डेमेग्राफी बदल रही है. और हमारी बहू बेटियों की आबरु लूटी जा रही है.
ओवैसी को खुद प्राथमिकी दर्ज करवानी चाहिए थी
यदि ओवैसी की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं तो एक देश भक्त नागरिक के रुप में ओवैसी को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाना चाहिए था. लेकिन ओवैसी ने चुप्पी साध ली. इस आधार पर तो ओवैसी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए. संजय सेठ ने कहा कि ये पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने वालों को पाकिस्तान चल जाना चाहिए.
संजय सेठ यही नहीं रुके, उन्होंने यहां तक दावा कर दिया कि बिहार झारखंड में सरिया कानून लागू करनी की कोशिश की जा रही है, यही कारण है कि जितिया से लेकर हिंदूओं के दूसरे पर्व त्योहारों पर छुट्टियों को रद्द किया जा रहा है.
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