रांची(RANCHI): महिला खिलाड़ियों के द्वारा लगाये गये यौन शोषण मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस को झामुमो ने भाजपा का गुलाम बताया है. महिला खिलाड़ियों के लिए न्याय की मांग को दुहराते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि 15 जून को इस देश में एक और जघन्य अपराध होने वाला है, भाजपा की गुलाम दिल्ली पुलिस से किसी भी तरह के इंसाफ की आशा करना भी बेमानी है, भाजपा बेटियों की इज्जत की कीमत पर भी अनपे दबंग और व्यवभिचारी सासंद बृजभूषण सिंह को बचाना चाहती है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी बेटियां लगातार न्याय की गुहार लगी रही थी, लेकिन सरकार कभी कमेटी तो कभी दूसरे बहाने बनाकर अपने बलात्कारी सांसद को बचाने की जुगत लगा रही थी, जबसे हमारी बेटियों ने अपना दर्द मीडिया के माध्यम से देश के सामने लाया, उन्हे इंसाफ तो दूर भाजपा ने तो उनके दुख दर्द को जानने-समझने की कोशिश भी नहीं की, पहले दिन से उनकी कोशिश तमाम आरोपों को खारिज करने की रही, हालत यह है कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उनकी प्राथमिकी दर्ज हुई. जबकि किसी भी मामले में प्राथमिकी दर्ज होना पहली प्रक्रिया होती है, हमारी बेटियों को इसके लिए भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. अब इस हालत में दिल्ली पुलिस से इंसाफ की आशा करना भी बेमानी है.
बगैर बृजमोहन सिंह की गिरफ्तारी के खिलाड़ियों में नहीं लौटेगा आत्मविश्वास
उन्होंने कहा कि बगैर बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी के हमारी खिलाड़ियों में आत्म विश्वास नहीं जागेगा, लेकिन इससे ज्यादा हास्यापस्द और क्या होगा कि बृजमोहन सिंह की गिरफ्तारी के बजाय दिल्ली पुलिस महिला पहलवानों से यौन शोषण का साक्ष्य की मांग रही है. अब सामान्य आदमी भी इस बात को समझता है कि व्यभिचार का कोई वीडियो रिकार्डिंग नहीं होता. क्या हमारी बेटियों का आरोप झूठा है? क्या अपने खून पसीने से देश के लिए मैडलों की बौछार करने वाली हमारी बेटियों का आरोप निराधार है? भाजपा को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वह देश के लिए मेडल लाने वाली बेटियों के साथ खड़ी है या अपने व्यभिचारी सासंद के साथ.
गृहमंत्री से मुलाकात के दौरान 15 जून के पहले चार्जशीट सौंपने का दिया गया था आश्वासन
ध्यान रहे कि गृहमंत्री अमित शाह से महिला खिलाड़ियों के मुलाकात के दौरान इस बात का भरोसा दिलाया गया था कि दिल्ली पुलिस इस मामले में 15 जून तक अपना चार्जशीट को दाखिल करेगी. लेकिन दिल्ली पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने पहले ही अब इस पर राजनीति शुरु हो गयी है, और भाजपा पर अपने सांसद बृजमोहन सिंह को बचाने का आरोप लग रहा है.
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