Patna- 23 जून को पटना में आहूत विपक्षी दलों की बैठक के पहले जदयू ने तमाम विपक्षी दलों को अलर्ट जारी किया है, जदयू नेता और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि यदि इस बार विपक्षी दलों की गलती के कारण भाजपा सत्ता में लौटने में कामयाब हो जाती है, तो इसके साथ ही चुनावी व्यवस्था की समाप्ति भी हो जायेगी. लोकतंत्र मात्र एक सपना बनकर रह जायेगा. यह कोई लुकी छुपी बात नहीं है कि भाजपा और संघ को देश के संविधान में कोई विश्वास नहीं है, वह तो संविधान बदलने पर आमादा है, हमारे सामने खतरा बड़ा है, और हमें अपने आंतरिक मतभेदों को भूलाकर किसी भी कीमत पर भाजपा की वापसी पर पूर्णविराम लगाना होगा. यह समय सावधान होने का है, भाजपा की वापसी के खतरे को आंकने का है, जो भी पार्टी आज की राजनीतिक स्थिति का आकलन कर भविष्य की तैयारियां करने की सोच रखती है, उनका भविष्य समाप्त होने वाला है. इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार उतराने की रणनीति पर करना होगा काम
देश के वर्तमान राजनीति हालत में विपक्ष को एक दूसरे से उलझने के बजाय भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम करना होगा. सीएम नीतीश देश पर मंडराते इस खतरे को भली भांति समझ रहे हैं, यही कारण है कि विपक्ष को एकजूट करने की कोशिश की जा ही है. सीएम नीतीश के साथ आगे बढ़कर ही भाजपा की घृणा और विद्वेष की राजनीति का सफाया किया जा सकता है.
23 जून को भाजपा की पूंजीपरस्त और साम्प्रदायिक नीतियों के खिलाफ होगी लड़ाई की शुरुआत
23 जून को विपक्षी दलों की पटना की बैठक के बाद देश में विपक्षी एकता को एक नया मुकाम हासिल होगा और यहीं से भाजपा की पूंजीपरस्त और साम्प्रदायिक नीतियों के खिलाफ लड़ाई की विधिवत शुरुआत होगी.
भाजपा की विभाजनकारी नीतियों के कारण जल रहा है मणिपुर
उन्होंने कहा कि यह भाजपा की विभाजनकारी नीतियों का ही परिणाम है कि मणिपुर जल रहा है, पूर्वोत्तर के राज्य अशांत हैं, उनके कदम अलगाववाद की ओर बढ़ रहे हैं, देश के दूसरे हिस्सो में भी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर विभाजन की गहरी लकीर खिंची जा रही है, हमें इसे किसी कीमत पर रोकना होगा, यह भाजपा को हटाने की लड़ाई नहीं होकर देश बचाने की लड़ाई है, संविधान और संवैधानिक मूल्यों को बचाने की लड़ाई है. हमें इस बात को समझना होगा.
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