पटना(PATNA): नीट परीक्षा पेपर लीक से सुर्खियों में बना संजीव मुखिया का नाम अब सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक से भी जुड़ गया है. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने जांच में इसका खुलासा किया है.जिस तरह से NEET UG परीक्षा का पत्र लीक किया गया है कुछ इसी अंदाज में ट्रांसपोर्टिंग के दौरान पत्र को निकाला गया था. बता दे कि बिहार में 10 अक्टूबर 2023 को सिपाही भर्ती परीक्षा दो पालियो में होने वाली थी. लेकिन 10 दिन पहले ही प्रश्न पत्र वायरल हो गया था. इसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. इस परीक्षा में कुल 18 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था. पेपर लीक होते ही एक झटके में सभी के सपने चूर हो गए.
बाद में इस मामले में पुलिस शिकायत की गई और पूरे बिहार में करीब 74 से अधिक प्राथमिकी दर्ज कराई गई. मामले को गंभीर देखते हुए बिहार की आर्थिक अपराध इकाई यानी eou ने जांच शुरू किया. सार्वजनिक ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर को प्रसारित किया गया जिसके जरिए आम लोगों से परीक्षा में हुई गड़बड़ी से संबंधित कई तरह की सूचनाओं की मांगी गई थी. सूचना के आधार पर जांच 31 अक्टूबर से शुरू की गई. इस केस को अनुसंधान के लिए 18 सदस्य विशेष टीम का गठन किया गया था. जिसमें अब खुलासा हो गया है.
अनुसंधान के दौरान जांच एजेंसी को पता चला कि केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती पटना ने प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग पैकेजिंग और जिला कोषागार में सुरक्षित पहुंचाने का जिम्मा कोलकाता के CALTAX MULTIVENTURE PVT LTD. की कंपनी के साथ एकरारनामा किया था. जांच एजेंसी कंपनी के दफ्तर को खोजने कोलकाता पहुँच गई.टीम पहुंची तो जांच एजेंसी के हाथ कुछ भी नहीं लगा वहां पर कोई कंपनी थी ही नहीं.पूछताछ के क्रम में जानकारी मिली इस कंपनी का अपना कोई प्रिंटिंग प्रेस नहीं है. बल्कि किसी और जगह प्रिंटिंग का काम कराया जाता है. इसके बाद जिस कंपनी में प्रिंटिंग का काम किया गया था उसके मालिक कौशिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया.जांच में पता चला की कौशिक पेपर लीक का बड़ा मास्टर माइन्ड है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा ली गई एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा की पेपर लीक में भी आरोपी था. इसके खिलाफ चोलापुर वाराणसी में मामला दर्ज है
गिरफ्तार कौशिक से पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी को जानकारी मिली की कौशिक की अपनी कोई कंपनी नहीं है. यह कंपनी भी इसके पत्नी के नाम पर पंजीकृत है. जांच आगे बढ़ी जिसमें जानकारी मिली कि केंद्रीय चयन परिषद सिपाही भर्ती बिहार द्वारा किए गए एकरारनामे के मुताबिक प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग पैकेजिंग और जिला को कोषागार तक प्रश्न पत्र को गोपनीय तरीके से पहुंचाने की जिम्मेदारी केवल CALTAX MULTIVENTURE PVT LTD. दिया गया था. लेकिन प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग पैकेजिंग का काम आपराधिक षड्यंत्र के तहत लाभ लेने के लिए Blessing secured press pvt के द्वारा कराया गया. जबकि जो एकरारनाम था उसमें साफ कि किसी भी आउटसोर्सिंग कंपनी में प्रिंट नहीं कराया जा सकता.
प्रिन्ट के बाद पेपर को कोषागार में पहुचाने में अनियमितता बरती गई. जो SOP तय किया गया था उसका अनुपालन नहीं किया गया. जिस जीपीएस वाली गाड़ी से पेपर को केंद्र और कोषागार तक पहुंचाना था वह कई जगह पर रुक रही थी. चैन आफ कस्टडी के निर्धारित मानकों का कोई ख्याल नहीं रखा गया. इस बीच ही गाड़ी से पेपर को निकाला गया.
जांच में कड़ी जुडते जुडते इसका लिंक संजीव मुखिया से जुड़ गया. सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर प्रिन्ट का जिम्मा जिस कंपनी को मिला था उसके खाते में संजीव मुखिया से जुड़े लोगों के द्वारा पैसा भेजा गया थासाथ ही जानकारी मिली कि परीक्षा के पेपर प्रिंटिंग के दौरान सजीव का आदमी कोलकाता में जमा हुआ था.वहीं पूरी डील हुई थी.इस कांड में इस्तेमाल किए गए लैपटॉप, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ पेयरिंग डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स एडमिट कार्ड समेत कई अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती परीक्षा प्रथम पाली और द्वितीय पाली के टेंपर्ड बॉक्स को सबूत के तौर पर जब्त किया गया है.
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