Ranchi-एक तरफ ईडी कार्यालय में साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव और सीएम हेमंत के करीबी माने जाने विनोद सिंह के साथ ईडी पूछताछ कर रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की एक दूसरी टीम बड़गांय अंचल के निलंबित राजस्व निरीक्षक भानू प्रताप को लेकर उस भुंईहरी जमीन पर पहुंची है, जिसके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि उक्त जमीन पर पूर्व सीएम हेमंत का कब्जा है. खबर यह भी है कि अधिकारियों की एक और टीम बड़गाई अंचल में जमीन से जुड़े दस्तावेजों को खंगाल रही है. यहां याद रहे कि ईडी का दावा है कि उक्त जमीन पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन का कब्जा है, हालांकि पूर्व सीएम हेमंत के द्वारा ईडी की ओर से लगाये गये आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया गया था कि उक्त जमीन से उनका दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है, और यदि कोई इस बात को साबित कर देता है, या इसका दस्तावेज उपलब्ध करवाता है, तो वह सियासत के साथ ही झारखंड को अलविदा कर देंगे, जिसके बाद पूर्व सीएम बाबूलाल के द्वारा एक भूखंड का वीडियो जारी करते हुए दावा किया गया था कि यह रहा उक्त जमीन हड़पने का सबूत, जिसके बाद झामुमो ने पलटवार करते हुए कहा था कि बाबूलाल ईडी की भाषा बोलते नजर आ रहे हैं. क्योंकि सिर्फ एक वीडियो के आधार पर किसी भी जमीन पर किसी का कब्जा साबित नहीं किया जा सकता, इस प्रकार तो किसी भी जमीन का वीडियो बनाकर उस किसी का कब्जा साबित किया जा सकता है, सवाल दस्तावेज है. बाबूलाल को इस मामले में दस्तावेज के साथ सामने आना चाहिए. हालांकि उस बयान के बाद पूर्व सीएम हेमंत की गिरफ्तारी भी हो गयी, फिलहाल वह ईडी के चंगुल में हैं. जहां उनके साथ सवाल जवाब किया जा रहा है, इस बीच ईडी के अधिकारी उक्त जमीन पर पहुंचे हैं. अब देखना होगा कि आज की जांच में ईडी के हाथ क्या आता हैै. कोई मजबूत साक्ष्य मिलता है या यह एक कमजोर कड़ी साबित होती है.
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