रांची(RANCHI)- ईडी के समन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे सीएम हेमंत को बड़ा झटका लगा है, झारखंड हाईकोर्ट ने सीएम हेमंत की याचिका को खारीज कर दिया है, इस प्रकार सीएम हेमंत के लिए ईडी कार्यालय पहुंचना बाध्याकारी हो गया है, हालांकि खबर यह भी है कि सीएम हेमंत हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर से सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगा सकते हैं, हालांकि खबर लिखे जाने तक झामुमो की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है.
ध्यान रहे कि कथित जमीन घोटाले के मामले में ईडी की ओर से सीएम हेमंत को कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन ईडी के पांच पांच समन के बावजूद सीएम हेमंत ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे, इसके विपरीत उनके द्वारा ईडी समन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया गया, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए पहले हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया.
दरअसल सीएम हेमंत ने अपनी याचिका में इस बात का दावा किया है कि ईडी को पीएमएलए पीएमएलए एक्ट 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को भी चुनौती दी थी. उनका दावा था कि पीएमएलए की यह धारा संविधान के द्वारा प्रदत मौलिक अधिकारों का उल्लंधन है, इसके साथ ही सीएम हेमंत ने हाईकोर्ट में यह सवाल भी उठाया था कि ईडी उन्हे किस रुप में समन जारी कर रही है, इसकी जानकारी उक्त समन में नहीं दिया गया है. उनके द्वारा ईडी से इस बात की जानकारी मांगी गई थी कि उन्हे बतौर आरोपी या गवाह बुलाया गया है, ईडी को इसकी जानकारी उपलब्ध करवानी चाहिए.
सर्वोच्च न्यायालय में पहले से लंबित है 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता से जुड़ी याचिका पर सुनवाई
जहां तक पीएमएलए एक्ट 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता का सवाल है तो इस मामले में पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में मामला लंबित है, और इसी सप्ताह उस मामले में संभावित रुप से कोर्ट का फैसला आना है, निश्चित रुप से सीएम हेमंत की नजर सर्वोच्च न्यायालय के उस संभावित फैसले पर टिकी होगी. हालांकि जानकारों का दावा है कि सीएम हेमंत इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर से सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं.
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