रांची (TNP Desk) : बुढ़मू में बड़ा हादसा हुआ है. यहां बंद कोयला खदान धंस गई. वहीं बंद खदान में अवैध रूप से कोयला निकाल रहे 12 लोग घायल हो गए. खदान के धंसने से वहां की जमीन में बड़ी दरारें पड़ गईं है. इस घटना की सूचना पुलिस दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को निकालकर अस्पताल भेजा गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि खदान के 11 नंबर के बंद मुहाने को खोलकर 17 लोग अवैध तरीके से कोयला खुदाई करने गए थे. इसी दौरान अचानक खदान धंस गई, जिसमें 12 लोग जख्मी हो गए हैं.
... तो हो जाती बड़ी घटना
खदान धंसने से जो लोग घायल हुए हैं उनमें सुमित मुंडा, मुकेश राम, सूरज सिंह, राकेश राम, सागर मुंडा सहित 12 लोग हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार जब खदान धंसा उस समय ये लोग कोयला निकाल रहे थे. हवा के दबाव में खदान के मुहाने की ओर आ गए. इसी वजह से ये लोग खदान के बाहर निकल गए. कोयला निकाल रहे लोग अगर मुहाने तक नहीं आते तो बड़ी घटना हो जाती.
सीसीएल को कई बार पत्र लिखकर दी है जानकारी
घटना के बाद मुखिया चमरू लोहरा ने कहा कि खदान के बारे में कई बार सीसीएल को पत्र लिखकर जानकारी दी. लेकिन कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं किया गया. जिस जगर पर धंसान हुआ है, वहां से पांच सौ मीटर के दायरे में पिछले वर्ष भी भू-धंसान हुआ था. मुखिया चमरू लोहरा ने बताया कि छापर कोलयरी की बंद पड़ी भूमिगत खदान अंदर से काफी दूर तक खोखली जगह है.
ग्रामीणों ने मुखिया पर लगाया आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय मुखिया चमरू लोहरा के संरक्षण में बंद खदान से कोयला निकाला जाता है. पुलिस या सीसीएल द्वारा जब भी भूमिगत खदानों के मुहानों को बंद कराया जाता है, स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कुछ ही दिनों में इसे फिर खोल दिया जाता है और अवैध निकासी शुरू हो जाती है.
तीन दिन पहले बंद किया गया था खदान का मुहाना
वहीं बुढमू थानेदार ने कहा कि पुलिस द्वारा तीन दिन पहले ही खदान के मुहाने को बंद कर दिया गया था. इसके बावजूद स्थानीय लोग कोयला निकालने बंद खदान में चले जाते हैं. बंद खदान में गैस निकलने की वजह से लोगों की तबीयत खराब हो गई. हादसे में तीन लोगों का हाथ और पैर टूटा है. खदान के अंदर कोई नहीं फंसा है.
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