रांची (TNP Desk) : झारखंड की चंपाई सरकार ने चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है. बिहार की तर्ज पर यहां भी जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शनिवार को मंजूरी दे दी. सीएम चंपाई ने कार्मिक विभाग को जिम्मेदारी दी है. जातीय जनगणना का प्रस्ताव कार्मिक विभाग तैयार करेगा. इस जनगणना से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगी. लोगों को पता चलेगा किस जाति की कितनी आबादी है. अभी तक किसी को नहीं मालूम कि किसकी कितनी आबादी है.
चंपाई सोरेन ने इस पेंच को किया दूर
बता दें कि बिहार जब जातीय जनगणना शुरू हुई थी तो कुछ नेताओं ने इसका विरोध भी किया, लेकिन नीतीश सरकार ने जातीय जनगणना करवाई और लोगों को अपनी जाति की आबादी की जानकारी मिली. बिहार में होने के बाद झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार भी जातीय जनगणना कराने की पक्ष में थी, लेकिन कौन विभाग करायेगा यह स्पष्ट नहीं था. दरअसल, राजय कार्यपालिका नियमावली में जनगणना का काम भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग को आवंटित है, लेकिन जाति आधारित जनगणना का काम कार्यपालिका नियमावली में किसी विभाग को आवंटित नहीं था. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सरकार ने यह गतिरोध दूर किया.
इन विधायकों ने की थी जातीय जनगणना की मांग
बता दें कि विधानसभा में जातीय जनगणना का मामला समय-समय पर उठता रहा है. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और आजसू विधायक लंबोदर महतो ने यह मामला उठाया था कि सरकार जातीय जनगणना कराने के पक्ष में है या नहीं. विधायक प्रदीप यादव के सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने आश्वासन दिया था कि सरकार जातीय जनगणना के पक्ष में है. मंत्री की घोषणा के बाद सदन के आश्वासन पर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन यानि एटीआर भी पेश किया गया था. एटीआर में कहा गया था झारखंड सरकार जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कौन विभाग करायेगा. अब चंपाई सरकार ने कार्मिक विभाग को जिम्मेदारी दे दी है तो सारी दुविधा भी खत्म हो गई.
सरकार पूछेगी आप किस जाति के हैं?
जातीय जनगणना के प्रस्ताव तैयार करने में कार्मिक विभाग युद्ध स्तर पर जुट गई है. विभाग पहले प्रस्ताव तैयारी करेगी उसके बाद सरकार मंजूरी देगी. मंजूरी मिलने के बाद राज्य के सभी जिलों में भेजा जाएगा. उसके बाद सरकारी कर्मी आपके द्वार पहुंचकर आपके जाति के बारे में जानकारी लेगी. कहा जा रहा है कि बिहार में जाति आधारित जो जनगणना हुआ है उसी के अधार पर यहां भी होगी. इसके लिए बिहार के ड्राफ्ट का अध्ययन भी करेगी.
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