Ranchi- मध्यप्रदेश में भाजपा कार्यकर्ता परवेश शुक्ला के द्वारा एक आदिवासी युवक दशमत रावत के सिर पर पेशाब करने की घटना के विरोध में राजधानी रांची में भाजपा कार्यालय को घेरने निकले आदिवासी संगठनों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने सीएम हेमंत का घेराव करने की सलाह दी है.
आदिवासी संगठनों को बाबूलाल की नसीहत
इन संगठनों को नसीहत देते हुए बाबूलाल ने कहा कि इन संगठनों को मध्यप्रदेश की घटना तो दिखलाई दे रही है, लेकिन सीएम हेमंत का विधान सभा क्षेत्र में एक पहाड़िया युवकी तो टुकड़ों टुकड़ों में काटना दिखलाई नहीं दे रहा है, आखिर सीएम हेमंत आज तक उस पीड़ित परिवार से मुलाकात करने क्यों नहीं गयें, उस पीड़ित परिवार का दर्द को समझने की कोशिश क्यों नहीं की गयी.
विरोध प्रर्दशन को बताया किराये की भीड़
आदिवासी संगठनों के प्रर्दशन को किराये की भीड़ बताते हुए बाबूलाल ने सवाल किया कि हेमंत सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वह उमेश कच्छप मामले की सीबीआई जांच से क्यों कतरा रही है, आखिरकार हेमंत सरकार किस गुनाहगार को बचाने के प्रयास में सीबीआई जांच से इंकार कर रही है. आदिवासी संगठनों को हेमंत सोरेन से इस सवाल को पूछना चाहिए. आज भी उमेश कच्छप की बेटी विनिता न्याय की खोज में कोर्ट की चक्कर लगा रही है.
उमेश कच्छप की पत्नी के हवाले से बाबूलाल ने किया दावा
बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि मौत से पहले उमेश कच्छप ने अपनी पत्नी को बताया था कि उस पर वरीये अधिकारियों के द्वारा रंगदारी वसूलने वाले अफसरों को बचाने का दवाब है. सीआईडी और फोरेंसिक टीम ने कई पुलिस अधिकारियों को को प्रारंभिक जांच में दोषी पाया था, ध्यान रहे कि इंस्पेक्टर उमेश कच्छप तोपचांची थाने में पदस्थापित था, और संदेहास्पद परिस्थितियों में उनकी मौत हुई थी
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