रांची(RANCHI): साहिबगंज अवैध खनन घोटाला में बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार में बंद पीपी उर्फ प्रेम प्रकाश से आज सेना जमीन घोटले को लेकर ईडी की पूछताछ जारी है. बताया जा रहा है कि कल की पूछताछ में पीपी ने अपना मुंह खोलने से इंकार कर दिया, हालांकि इसके बाद भी ईडी के अधिकारी निराश नहीं है, उनका दावा है कि उनके पास सेना जमीन और चेशायर होम जमीन घोटाले में पीपी की सहभागिता को लेकर पर्याप्त सबूत है, जिसका काट ढूढ़ पाना पीपी के लिए नामुमकीन है.
यही वही पीपी है, जिसको लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल हेंमत सोरेन को निशाने पर लेते रहे हैं और उन पर माफियाओं का संरक्षण का आरोप भी लगाते रहे हैं. बाबूलाल का दावा है कि पीपी का जेल में सिक्का चलता है, वह अधिकारियों को तू-तड़ाक की भाषा में बात करता है, और सीधे निर्देश देता नजर आता है. प्रथम दृष्टया बाबूलाल मंराडी का यह आरोप बेहद गंभीर है, लेकिन इस सिक्के का दूसरा पहलू भी है, जिसकी चर्चा मीडिया में कम ही होती है.
पुनीत भार्गव और प्रेम प्रकाश की युगल जोड़ी
यहां हम बता दें कि सेना जमीन के साथ ही चेशायर होम की जमीन भी विवादों के घेरे में है, शहर के चर्चित कारोबारी विष्णु अग्रवाल की गिरफ्तारी में इस चेशायर होम की जमीन की भी बड़ी भूमिका रही है. इस चेशायर होम जमीन को विष्णु अग्रवाल ने जिस पुनीत भार्गव से खरीदा था, वह पुनीत भार्गव और प्रेम प्रकाश के रिश्ते पूरे राजधानी में जगजाहिर हैं. इन दोनों की युगल जोड़ी का सत्ता के गलियारों में तूती बोलती थी.
इनोवा कार- JH01DV 1101 से होती थी पूर्व सीएम रघुवर दास की सवारी
इसके साथ ही प्रेम प्रकाश और पुनीत भार्गव का एक सिरा पूर्व सीएम रघुवर दास से भी जुड़ता नजर आता है. सीएम रहते रघुवर दास जिस इनोवा कार- JH01DV 1101 की सवारी करते थें, वह किसी और की नहीं, इसी पुनीत भार्गव का था, सीएम पद गंवाने के बाद भी यह कार रघुवर दास के पास ही रही, लेकिन जैसे ही ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया. यह कार अचानक से रघुवर दास के गैरेज से गायब हो गया.
रघुवर दास शासन काल में ही सामने आया था मनरेगा घोटाला
यहां यह भी याद रहे कि पूजा सिंघल पर जिस मनरेगा घोटले का आरोप है, उसे रघुवर दास के शासन काल में ही अंजाम दिया गया था. अब यदि हम इन सारे कड़ियों को आपस में जोड़ें तो सेना जमीन घोटले और संताल अवैध खनन घोटला के तार साफ-साफ भाजपा नेताओं से जुड़ते नजर आने लगते हैं. यही कारण है कि जैसे-जैसे ईडी की कार्रवाई तेज हो रही है, गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है, लोगों के जेहन में अचानक से इनोवा- JH01DV 1101 की याद आने लगी है, आखिर यह गायब कहां हुई, एक सीएम को बाबूलाल के शब्दों में सुपर दलाल प्रेम प्रकाश और पुनीत भार्गव के कार की सवारी ही पसंद क्यों आयी?
बाबूलाल का अर्ध्य सत्य
हालांकि बाबूलाल मंराडी प्रेम प्रकाश को सुपर दलाल की संज्ञा देने में जरा भी हिचक नहीं दिखलातें, लेकिन बेहद चालाकी से इन सुपर दलालों का अपने ही पार्टी के नेताओं से रिश्तों पर चुप्पी साध जाते हैं. यह भी नहीं है, कि बाबूलाल मरांडी को इन सुपर दलालों की पूरी कहानी मालूम नहीं है. वह तो एक एक कड़ियों से वाकिफ हैं, लेकिन इसके आगे का सच उनके लिए खतरनाक हो सकता है, जिस पार्टी ने उन्हें इतने सम्मान के साथ वापस लाया है, जैसे ही वह इन गड़े मुर्दों को निकालने की शुरुआत करेंगे, पार्टी से उनकी विदाई तय मानी जायेगी. अब इस राजनीति विवशता में भी बाबूलाल मंराडी कम से कम अर्ध्य सत्य को बयान करने का जोखिम तो ले ही रहे हैं. आज की राजनीति में इतना भी पर्याप्त कहा जा सकता है.
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