आजसू के तीन दिवसीय महाधिवेशन की समाप्ति, एक बार फिर से पार्टी प्रमुख चुने गये सुदेश महतो, नवनिर्माण का दावा

राज्य में ओबीसी, एसटी और एसी से संबंधित सारी नीतियां कागजों में उलझ कर रह गयी, 1932 का खतियान हो या खतियान आधारित नियोजन और स्थानीयता की नीति सब कुछ महज कागजों में सिमट गया. ये वादे जमीन पर उतरते नजर नहीं आते. यदि इन नीतियों को जमीन पर उतारना है तो आजसू को अपने पुराने तेवर और संकल्पों की और लौटना  होगा.

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