लोहरदगा(LOHARDAGA):लोहरदगा लोकसभा चुनाव में भले ही आज बड़ी-बड़ी रैलियां हेलीकॉप्टर्स और भीड़ इकट्ठा कर वोटरों को लुभाने का काम किया जा रहा है, लेकिन लोहरदगा लोकसभा में कभी ऐसी स्थिति नहीं थी, उम्मीदवार एक हजार रुपए भी खर्च नहीं करते थे. बल्कि महीनों क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों से मिला करते थे. बैलगाड़ी-पैदल यात्रा कर वोट देने की अपील लोगों से किया करते थे. लोहरदगा लोकसभा से पहली बार 1971 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से कार्तिक उरांव सांसद बने थे, इन्हें 102376 वोट प्राप्त हुआ था. इसके बाद कार्तिक उरांव 1980 में 129038 वोट से INC(I) के बैनर तले जीत हासिल की थी, कार्तिक उरांव के निधन के बाद सुमति उरांव 1984 और 1989 में INC पार्टी से जीत हासिल की थी.
पहले उम्मीदवार लोगों के घर घर जाकर नोट की अपील करते है
सुमति उरांव को 157284 और 148320 वोट दोनों बार में मिला था. आज भी सांसद रहे कार्तिक उरांव के ससुराल और सुमति उरांव के लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के ईचा गांव स्थित पुश्तैनी मकान कच्चे मिट्टी के बने हुए हैं. आज भी सामान्य परिवेश उनके घरों में साफ तौर पर दिखाई देता है. इनकी ईमानदारी और समर्पण की आज भी पूजा की जाती है. कार्तिक उरांव और सुमति उरांव के कार्यकाल में ईमानदारी,निष्ठा, समर्पण और विश्वास साफ तौर पर झलकता है.घर में कुछ भी कीमती सामान नहीं है. खेती करने की मशीन और वही पुराना जर्जर हालत में आवास है. गांव के लोग आज भी इनकी ईमानदारी की दुहाई देते हैं.
आजकल लोगों से झूठा वादा कर भ्रमित करने का रिवाज चल रहा है
वहीं कार्तिक उरांव को करीब से देखने वाले बताते हैं कि सामान्य परिवेश और भोजन इनकी पहचान थी.भले वर्तमान समय में लोकसभा चुनाव के दौरान वोटर्स को दिग्भ्रमित कर झूठ और सपना दिखाकर वोट मांगा जा रहा है, लेकिन एक ऐसा समय भी था जब उम्मीदवार अपने किए हुए कार्यों को लेकर वोट मांगने गांव गांव घर घर जाया करते थे.
रिपोर्ट: लोहरदगा ब्यूरो
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