विकास का हमसफर या विनाश के रास्ते चल पड़ा है अपना झारखंड, जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों का क्या है संदेश?

यह एक दुखद सच्चाई है कि जल जंगल और जमीन  के नाम पर गठित झारखंड में आज विकास के नाम पर जगंलों को काटा जा रहा है, पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर खनन माफियाओं की नजर है, नदियां नालों में तब्दील हो रही है. ISFR (Indian State of Forest Report) की रिपोर्ट को माने तो पिछले दो सालों में झारखंड के घने जंगलों में करीबन 4 वर्ग किलोमीटर की कमी आयी है. यही कारण है कि झारखंड में हाल के दिनों में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ा है. जानवर जंगल छोड़ शहर की ओर भाग रहे हैं.

विकास का हमसफर या विनाश के रास्ते चल पड़ा है अपना झारखंड, जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों का क्या है संदेश?