“1932” से पहले इनकार, अब वही लगायेगा नईया पार

झारखंड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. हेमंत सरकार ने आज यानी 11 नवंबर, 2022 को एकदिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया, जहां सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को सदन से पास करा लिया. वहीं, कई जानकारों की मानें तो 1932 झारखंड और हेमंत सरकार की सबसे बड़ी दांव में से एक है. आपको बता दें कि 1932 की मांग कई सालों से चली आ रही है. कई राजनेता से लेकर, संगठन के लोग इसे लागू करने की मांग कर रहे थे. लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये कि खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी साल मार्च महीने में कहा था  कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता पारिभाषित नहीं की जा सकती है.

“1932” से पहले इनकार, अब वही लगायेगा नईया पार