रांची(RANCHI): झारखंड में ‘झारखंड राज्य कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक-2022’ का विरोध हो रहा है. इसके विरोध में राज्य भर के खाद्यान्न कारोबारी और राइस और फ्लावर मिलर्स ने आज अपना कारोबार बंद रखा है. सभी तरह की खरीद-बिक्री बंद है. झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों ने इस बारे में बीते दिन कहा था कि राज्य सरकार फिर से कृषि बाजार शुल्क लागू करने की तैयारी कर रही है. राज्य सरकार इसके लिए केंद्र के बहाने का विलाप कर रही है. हम इसका विरोध करते हैं. आगे बताया गया कि 2015 के पहले भी कृषि बाजार शुल्क लगता था, लेकिन जब इसे हटाया गया तो राज्य में 73 से ज्यादा राइस मिल खुली. जिससे खाद्यान्न के मामले में हमारा विकास हुआ. अब जब फिर से शुल्क लगाया जा रहा है तो किसानों, खाद्यान्न कारोबारियों के साथ ही ट्रेडर्स और उपभोक्ताओं को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, महंगाई की मार भी झेलनी होगी.
क्या है ‘झारखंड राज्य कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक-2022’?
बता दें कि ‘झारखंड राज्य कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक-2022’ को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है. इसी के बाद इसका विरोध हो रहा है. इस विधेयक में की प्रावधानों का उल्लेख है. जिसमें मुख्य रूप से किसानों के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने की बात कहा गया है. इसके साथ ही इसमें दो प्रतिशत कृषि शुल्क लगाने का प्रावधान भी है. ये शुल्क राज्यों से आयातित वस्तुओं पर लगेगा.
इस विधेयक में और भी की प्रावधान हैं, जिसक मुख्य उद्देश्य किसानों को प्रत्येक 10 किमी पर बाजार उपलब्ध कराना है.
ये प्रावधान है:
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