गलत कामों में लिप्त अधिकारियों को बाबूलाल मरांडी ने संभल जाने की दी हिदायत, सुनाया अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल का एक किस्सा  

झारखंड में अधिकारियों की मिलीभगत के कारण की भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं. आईएएस पूजा सिंघल इसमें वर्तमान में सबसे बड़ा नाम हैं जो मनरेगा घोटाले में जेल में बंद हैं. मगर, इसके साथ ही कई और अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. अधिकारियों पर ये भी आरोप लगता है कि वे नेताओं और रसूकदार लोगों के दबाव में आकर काम करते हैं. ताजा मामला संताल का है, जहां ईडी के आरोप पत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले के आरोपी पंकज मिश्रा को दुमका और साहेबगंज पुलिस ने क्लीन चीट दे दी. इसके साथ ही ईडी के गवाह विजय हांसदा पर पुलिस की ओर से केस वापस लेने का भी दबाव बनाने की बात सामने आई है, जो कि खुद विजय हांसदा ने कोर्ट में अपने आवेदन के जरिए कहा है. इसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि दुमका डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने सरकार और कारोबारी पंकज मिश्रा के दबाव में आकर पंकज मिश्रा को क्लीन चीट दी है

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